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अष्टानिका महोत्सव में मुमुक्षु अंजलि के कदम संयम पंथ की ओर आगे बढ़े,वस्त्रों पर केसर स्वास्तिक एवं हल्दी रस्म में उमड़े श्रद्धालु ,

नीमच। संसार में सब सुख मिलते हैं फिर भी संयम जीवन श्रेष्ठ होता है। सब कुछ होते हुए भी अंजलि ने महावीर के पथ पर आगे बढ़ने के लिए सब कुछ त्याग दिया और दीक्षा को अंगीकार करने के लिए आगे कदम बढ़ा दिए यह महान निष्क्रमण किया है।संयमी आत्मा को राजो हरण देते क्षण का दर्शन करना महान पुण्यकारी होता है।संयम जीवन सर्व कल्याणकारी होता है । संयम पंथ महान होता है इससे आत्मा का कल्याण होता है।यह बात आचार्य  श्री विश्व रत्न सागर सुरीश्वर जी महाराज  साहब ने कही ।वे श्री जैन श्वेतांबर भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के तत्वावधान में आयोजित अष्टानिका महोत्सव की श्रृंखला में मिडिल स्कुल मैदान के समीप जैन भवन में बुधवार सुबह आयोजित धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बोल रहे थें ।उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के महान संत भी जैन संत के त्याग तपस्या का सम्मान करते हैं जो जिनशासन के लिए गौरव की बात है।जैन संत साधना के उत्तम  शिखर श्रेणी के होते हैं। पैदल चलते हैं ।नशा नहीं करते हैं। ऐसी में नहीं रहते हैं ।घर घर भिक्षा की याचना करते हैं ।अपने बालों को अपने हाथों से तोड़ते हैं। एक फूटी कौड़ी को भी संत नहीं लेते हैं।आधुनिकता से दूर रहते हैं ।इस प्रकार जैन संत महान होते हैं।पांच महाव्रत को जीवन में आत्मसात करें तो जीवन में आत्म कल्याण  का मार्ग प्रशस्त होता है। संयम पंथ महान होता है।धर्म सभा में उत्तम रत्न सागर जी महाराज ने कहा कि संयम पंथ अंगीकार करना संसार में सुख सुविधाओं का त्याग करना कठिन है। जिसे अंजलि ने स्वीकार किया है और संसार का त्याग कर संयम पंथ की ओर आगे कदम बढ़ा दिए हैं जो सभी के लिए आदर्श प्रेरणादाई प्रसंग है।गुरु वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। धर्म सभा में मुमुक्षु अंजलि बोहरा  दीक्षार्थी के वस्त्रों पर केसर श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी सचिव मनीष कोठारी प्रेम कोठारी अखे सिंह कोठारी ,सुशील लोढ़ा, हिम्मत  रुंगरेचा, बाबूलाल लोढ़ा,  दीक्षार्थी अंजलि बोहरा के पिता राजकुमार बोहरा ,माता पुष्पा बोहरा , महावीर ,अनीता ,दीपक देवेंद्र, ऋषभ बोहरा, विमलागुणवंत ,हेमलता ,अशोक कुमार प्रियंका ,विमल ,मोना कल्पेश, दिव्या, आशीष एवं परिवार निंबाहेड़ा आदि ने स्वास्तिक बनाया एवं हल्दी की रस्म  का निर्वहन किया गया।इस अवसर पर मुमुक्षु अंजलि के परिवारजनों की आंखें नम हो गई थी ।आंखों से अश्रु धारा छलकने लगी। इस अवसर पर  बाल भजन गायिका आदिति कोठारी इंदौर ने दिक्षा रो अवसर आयो रे आनंद मंगल छोरे आज मेरे गुरुवर ने अक्षत से वधाओ श्री संग आयो आज खुशियां छाई मेरी प्यारी दीक्षार्थी केशर कपड़े रंगने स्वास्तिक केसर रंग छाटो रे गुरुवर् म्हाने ने रंग  दो चुनरिया..., संयम ने दीक्षा मांगीरे .... आज अणगार हमारा.. रंग नहीं उतरे सुंदर अवसर आयो रे केसरिया केसरिया आज हमारा रंग केसरिया तुम भी केसरिया हम भी केसरिया संसार... ,लेने जैसा संयम है.. संयम रंग थाने राचो रे आच्छो लागयो रे संयम नो रंग तने लाग्यो रे... मेरा रंग एक चोला रे ....जिसने भी संयम को स्वीकार किया अंगारकीया पार हुआ बेड़ा पार हुआ रे.... दुनिया ने रिश्तो पर खुशियों को तोला है संयम ने खुशियों को छोड़ा है .....रंग बरसे गुरु नीमच नगरिया में रंग बरसे ...आज सुहाना पल आयो सुहाना अवसर आयो ....दीक्षार्थी बहन केसर के छिंटा गुरुदेव ने लगाए हो रे ..आज हमारा दीक्षा ना केसर बधावा लाल चुनरिया  ओढ़ के आई रे गुरुवर मुझको दीक्षा दे दो.... रंग लाग्या संयमना रंग लाग्यो हमें जैन कुल मे जन्मे अभिमान करो रे गुणगान करो रे सम्मान करो रे...आदि विभिन्न मधुर कर्णप्रिय भजन प्रस्तुत किए  तो श्रद्धालु दीक्षा की प्रसन्नता में झूम उठे। इस अवसर पर गुरु नवरत्न कृपा पात्र युवा हृदय सम्राट परम पूज्य आदरणीय श्री विश्वरत्न सागर सुरीश्वर जी महाराज आदि ठाणा21, साध्वी नयप्रज्ञा  श्रीजी ,परम पूज्य मुक्ति प्रिया श्री जी महाराज साहब, निधि रेखा श्री जी मसा आदि ठाणा 13 के सानिध्य तथा श्री जैन श्वेतांबर भीड़भंजन पाश्र्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्रीसंघ नीमच के तत्वावधान में अष्टान्हीका महोत्सव, सुश्री अंजली बोहरा की भागवती दीक्षा, नूतन आराधना भवन  का उद्घाटन कार्यक्रम के उपलक्ष्य में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का  आयोजन किया गया है। श्री जैन श्वेतांबर भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्रीसंघ नीमच के अध्यक्ष अनिल नागौरी ,सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि  श्री भीड़भंजन मंदिर  श्री संघ द्वारा  महोत्सव के निमित्त पुस्तक बाजार स्थित नवनिर्मित आराधना भवन एवं भीड़ भंजन पारसनाथ मंदिर को आकर्षक‌ रंग-बिरंगे फूलों की बांदरवाल एवं रंग-बिरंगे विद्युत बल्बों रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है ।कार्यक्रम का संचालन श्री संघ सचिव मनीष कोठारी ने किया।

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