logo

सिंगोली में ओलों के साथ हुई तेज बारिश

फसलें बर्बाद होने से किसान हुए मायूस

सिंगोली(निखिल रजनाती)।सिंगोली क्षैत्र में 06 मार्च सोमवार को ओलों के साथ हुई तेज बारिश से फसलें बर्बाद होने के कारण किसानों में मायूसी छा गई क्योंकि अफीम और इसबगोल की फसल तो जहाँ पूरी चौपट हो गई वहीं खेत में खड़ी या काटकर रखी गई सरसों की फसल सहित गेहूँ की फसल में भी किसानों को तगड़ा झटका लगा है।सोमवार को दोपहर बाद अचानक बिगड़े मौसम के चलते लगभग 3.30 बजे बाद तेज रफ्तार की हवाएँ चली जिसके ठीक बाद पौने चार बजे से बारिश भी शुरू हो गई और इसी बीच मक्का के दाने के बराबर ओले भी गिरना शुरू हो गए जिससे किसानों पर असहनीय मार पड़ी है।तेज हवाओं के कारण कई खेतों में फसलें आड़ी-टेढ़ी हो गई।यह तो सर्वविदित है कि इसबगोल की फसल में पानी लगते ही बेकार हो जाता है और जब लगभग आधे घंटे तक तेज गति से बारिश हो गई तो फिर यह फसल पूरी तरह चौपट हो ही गई है और लगभग ऐसी ही स्थिति अफीम की फसल को लेकर है क्योंकि इन दिनों अफीम के डोडों में चीरा लगाकर अफीम निकालने का काम द्रुतगति से चल रहा है और इसी दरम्यान हुई बारिश और ओलों के कारण डोडों से चिपकी अफीम पूरी तरह से धुल गई और चीरों से डोडों के अन्दर पानी घुस जाने की वजह से किसानों को न तो अफीम मिलेगी और न ही पोस्ता दाना मिलेगा क्योंकि डोडों के अन्दर पानी घुसने से डोडों के सड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है।कुलमिलाकर बेमौसम बरसात ने किसानों के अरमानों पर भी पानी फेर दिया है।बेमौसम बारिश के कारण सभी प्रकार की फसलों में नुकसान पहुंचा है लेकिन किसान सबसे ज्यादा चिंतित अफीम की फसल को लेकर है क्योंकि इस फसल की नुकसानी में किसानों को कहीं से भी किसी तरह की मदद नहीं मिलेगी बल्कि इस के विपरीत किसानों को आगामी वर्ष के लिए पट्टा कटने का डर सता रहा है।इस प्रकार सोमवार को हुई बेमौसम की बारिश किसानों के लिए आफत की बारिश साबित हो गई है जिससे केवल नुकसान ही नुकसान पहुंचा है चाहे फसल किसी भी प्रकार की हो क्योंकि पकी हुई फसल में गेहूँ के दाने काले पड़ने की आशंका जताई जा रही है जिससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी।बारिश पिछले दो तीन दिन पहले भी हुई थी लेकिन उससे इतना नुकसान नहीं हुआ था जितना नुकसान सोमवार को ओलों के साथ हुई बारिश से पहुँचा है।सोमवार को किसानों के लिए बरसी आफत की बारिश ने किसानों को रुलाकर रख दिया क्योंकि हाथ में आई हुई तैयार फसलें बर्बाद हो गई वहीं मौसम एकदम ठण्डा हो गया जिससे बीमारियाँ फैलने का भी अंदेशा जताया जा रहा है।

Top