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जिसके दिल में प्रेमभाव है वही चलता फिरता तीर्थ है इस दुनिया में - राष्ट्रीय संत कमलमुनि कमलेश

सिंगोली (निखिल रजनाती)।समीपस्थ ग्राम झांतला में 29 मार्च को दिगंबर जैन मंदिर पर दिगंबर जैन समाज के माताजी एवं श्रमण संघ के वरिष्ठ एवं राष्ट्रीय संत कमलमुनि कमलेश का अचानक मिलना हो गया।इस अवसर पर समाज जनो को संबोधित करते हुए कमलमुनि कमलेश ने कहा कि रंग का कपड़ा खून से साफ नहीं होता इसी तरह नफरत को नफरत से कभी समाप्त नहीं किया जा सकता है।नफरत को प्रेम से ही जीता जा सकता है नफरत करने वाले से जो प्रेम करता और दिल में प्रेमभाव रखता वही धरती पर चलता फिरता तीर्थ है।आगे बोलते हुए राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने कहा कि विश्व के सभी धर्मों का प्राण मैत्री है।मैत्री ही अहिंसा की राह होकर मोक्ष का मार्ग एवं साधना का राजमार्ग है।उन्होंने कहा कि मैत्री करने वालों से जो नफरत करता वह शैतान है।उसका किसी भी धर्म में प्रवेश नहीं उसके द्वारा की गई साधना मुर्दे को श्रृंगार कराने के समान है।मुनि कमलेश ने बताया कि नफरत जिसके दिल में आती है उसके सद्गुण जलकर खाक हो जाते हैं नफरत अणु व परमाणु बम से भी खतरनाक है।राष्ट्रसंत ने कहा कि मैत्री के सद्भावरूपी धागे में मानवता को एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता है।इस अवसर पर माताजी वी कक्षा जी ने कहा कि प्राणी मात्र से निस्वार्थ प्रेम करना ही परमात्मा की पूजा से बढ़कर है।श्री माताजी यसप्त श्रीजी ने मुनि कमलेश का आत्मिय भाव से अभिनंदन किया।गौशाला प्रमुख शर्मा जी ने बताया कि कमल मुनि जी की प्रेरणा से ही कछाला ग्राम में स्थित नारायण गौशाला का शुभारंभ हुआ जो आज 52 बीघा जमीन पर गौ माता की सेवा में अनवरत काम कर रही है। गुरूदेव आज बुधवार रात्रि विश्राम गौशाला में ही करके रात 8:00 बजे गौशाला में प्रवचन कहे वहीं 30 मार्च गुरुवार को सिंगोली स्थित बजरंग व्यायामशाला में रामनवमी पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

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