नीमच।श्रीमान राजवर्धन गुप्ता, सत्र न्यायाधीश,नीमच के द्वारा 45 लाख रूपये का गबन करने वाले प्रभारी लेखापाल जुगलकिशोर पिता स्व. राधेश्याम शर्मा,उम्र-50 वर्ष,निवासी-एल-311,इंद्रा नगर, जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 409,467,468,471,472,473 के अंतर्गत 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 1,20,000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया। शादाब खान,अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना वर्ष 2012 से 2015 की अवधि के मध्य की है।आरोपी जुगलकिशोर शर्मा स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,नीमच में प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर पदस्थ था एवं उसको लेखापाल का अतिरिक्त प्रभार सौपा हुआ था।आरोपी द्वारा उक्त अवधि में लेखापाल प्रभारी के रूप में कार्य करने के दौरान भारतीय स्टैट बैंक के खाते से 8 चेकों के माध्यम से 7,29,140 रू निकालकर उसका गबन करते हुए स्वयं उपयोग में ले लिये गये। इसी प्रकार छात्र-छात्राओें से ली गई फीस की राशि कुल 38,00,138 रू को उसके द्वारा बैंक में जमा कराया जाना था,जोकि उसके द्वारा बैंक में जमा नहीं करते हुए 69 फर्जी बैंक की जमापर्ची तैयार कर रिकाॅर्ड में प्रस्तुत कर दी गई व उक्त राशि का भी गबन करते हुए उसके द्वारा उसको स्वयं उपयोग में लिया गया।ऑडिट दल द्वारा जब महाविद्यालय के रिकार्ड,दस्तावेज व खातों की जाँच की गई तो आरोपी द्वारा किये गये उक्त गबन का खुलासा हुआ।जाँच उपरांत विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना नीमच सिटी में अपराध क्रमांक 30/15,धारा 409,467,468,471,472,473 भारतीय दण्ड संहिता 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध करवाया गया।पुलिस नीमच सिटी द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी, विशेषज्ञ साक्षी सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा गबन करने के अपराध को प्रमाणित कराया गया जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 409 भारतीय दण्ड संहिता 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20,000 रू जुर्माना,धारा 467 भारतीय दण्ड संहिता 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20,000 रू जुर्माना,धारा 468 भारतीय दण्ड संहिता 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20,000 रू जुर्माना,धारा 471भारतीय दण्ड संहिता 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20,000 रू जुर्माना,धारा 472 भारतीय दण्ड संहिता 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20,000 रू जुर्माना,धारा 473 भारतीय दण्ड संहिता 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20,000 रू जुर्माना।इस प्रकार उक्त सभी धाराओं में 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 1,20,000 रू जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी शादाब खान,अपर लोक अभियोजक,नीमच द्वारा की गई।