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आशा को 10 एव पर्यवेक्षक को 15 हजार ओर 25 आशाओं की सेवा बहाली की मांग, आशा उषा सहयोगी सयूक्त मोर्चा ने सोपा ज्ञापन

नीमच। आशा को 10 हजार एवं पर्यवेक्षक को 15 हजार वेतन निर्धारण किए जाने एवं 25 आशाओं की सेवा बहाली सहित अन्य मांगों के निराकरण को लेकर गुरुवार को आशा उषा आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा जिसमें बताया गया कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की रीड की तरह काम कर रही हजारों आशा कार्यकर्ता पिछले 18 वर्षों से केंद्र द्वारा दिए जा रहे अल्प वेतन में काम कर रही हैआशा को 10 हजार ओर प्रवेशक को 15 हजार वेतन दिए जाने की मांग को लेकर विगत कुछ वर्षों से आशा कार्यकर्ताए निरंतर आंदोलन कर रही है परंतु अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है जबकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा दिया गया है लेकिन आशा कार्यकर्ताए आज भी वेतन से वंचित है दिए गए ज्ञापन में आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि न्याय पूर्ण वेतन की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन और आरोप लगाकर सीएमएचओ ग्वालियर द्वारा अनुचित तरीके से सेवा समाप्त किए गए सभी 25 आशाओं को तुरंत सेवा में बहाल किया जाए।आशा उषा परीक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए। सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए आशा और उषा एवं पर्यवेक्षकों के द्वारा न्याय पूर्ण वेतन वृद्धि की मांग को लेकर किए गए हड़ताल के दिनों का वेतन का भुगतान किया जाए। सेवानिवृत्ति पर आशाओं को पश्चिम बंगाल की तरह ₹3 लाख एवं एकमुश्त राशि प्रदान की जाए सेवाकाल में मृत्यु की स्थिति में 5 लाख एवं दुर्घटना मृत्यु पर 10 लाख का एकमुश्त राशि मृत आशा कार्यकर्ताओं के आश्रितों को दिया जाए। आशा एवं पर्यवेक्षक को वेतन सहित राज्य शासन द्वारा घोषित सार्वजनिक अवकाश 20 आकस्मिक अवकाश दिए जाएं।आशा एवं पर्यवेक्षकों को शासन के कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर 6 माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए पर्यवेक्षकों की सभी रिक्त 100% पदों पर आशाओं को पदोन्नति के माध्यम से नियुक्त किया जाए।

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