नीमच। शहर के विकास नगर में अंग्रेजों का कब्रिस्तान है। जहां अंग्रेज सैन्य अफसरों व उनके परिजनो की कब्रें स्थित हैं। सालों से सफाई नहीं होने से यहां झाड़ियां उग आई थी और क्षेत्र वासियों द्वरा यह कचरा भी डाला जा रहा था।लेकिन अब इसकी साफ-सफाई सीआरपी एफ जवानों द्वरा अधिकारियो के निर्देश पर की जा रही है।बतादे की देश आजाद होने के बाद सीआरपीएफ का गठन हुआ था और यह कब्रिस्तान सीआरपीएफ की संपत्ति में शामिल हो गया।तभी से सीआरपीएफ के अंडर में ही है और वही इसकी देखभाल भी करता है।वर्तमान में विगत दो माह से सीआरपी एफ द्वरा इस ऐतिहासिक धरोहर को सवारने का कार्य चल रहा है।जिसमे जवानों द्वरा यहां की झाड़ियां हटाई गई है ओर परिसर को साफ सिथरा कर यहां पौधा रोपण की किया जा रहा है इसके अतिरिक्त यह की दीवारों पर अब सुरक्षा की दृष्टि से कार्य किया जा रहा है ताकि क्षेत्र वासी कब्रिस्थान में कचरा न डाल सके।जिसके बाद अन्य कार्य भी यहां किये जाएबगे जिससे यह ऐतिहासिक धरोहर ओर सुंदर नजर आए।2 माह से चल रहे इस कार्य की मेहनत अब नजर आने लगी है।जिसमे सन 1879 से भी पुरानी कब्रे यहां देखने को मिली है।ज्ञात हो कि उक्त कब्रिस्थान को सवारने की मांग कई वर्ष पूर्व कोटा हेरिटेज सोसायटी के सदस्य व स्थानीय लोगों द्वरा सीआरपी के अधिकारीयो,तत्कालीन कलेक्टर, नपा अधिकारी व जन प्रतिनिधियों से की थी।जिसके बाद अधिकारीयो ने यहां का निरीक्षण कर सफाई कार्य प्रारम्भ किया था परंतु बाद में यह कार्य किसी कारण वश बंद हो गया था। उस समय सीआरपीएफ के रिटायर्ड एडीजी जसबीरसिंह गिल इस कार्य मे मदद कर रहे थे।सीआरपीएफ से रिटायर्ड एडिशनल डायरेक्टर जनरल जसबीरसिंह गिल के साथ कोटा निवासी विक्टोरिया सिंह और लंदन निवासी सुजी होसले दोनों ही कोटा हेरिटेज सोसायटी सदस्य रहे। यह सोसायटी हेरिटेज स्थलों के संरक्षण में कार्य करती है। वही अब सीआरपी एफ द्वरा उक्त कब्रिस्थान को सवारने का कार्य किया जा रहा है जल्द ही यह कार्य पूर्ण होने की सम्भावना है।जिसमे शहर के बीचोबीच स्थित अंग्रेजों के कब्रिस्तान ऐतिहासिक धरोहर को अति सुंदर बनाया जाएगा।