मुनिश्री ससंघ के सानिध्य में प्रातः काल 8 बजे होगा ध्वजारोहण
सिगोली(निखिल रजनाती)।संसार में अपने अन्तर्मन की वेदना किसी से भी कहने से वह मिटने वाली नहीं है,केवल भगवान ही उस वेदना को दूर कर सकते हैं।भगवान बिना बोले ही अपने दिव्य ज्ञान से भक्त की अन्तर्वेदना को जान लेते हैं और दूर करने का उपाय भी वे ही बता सकते हैं।यह बात नगर में चातुर्मास हेतु विराजमान मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने 14 अगस्त सोमवार को प्रातःकाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संसारी प्राणी यदि भगवान् की भक्ति करे तो पुण्य प्रबल होता है तथा पाप कर्म निर्बल हो जाते हैं जिसके कारण प्राणी पर आई विघ्नबाधाएँ नष्ट हो जाती है।संसारी प्राणी संकट के क्षणों में सांसारिक सभी संबंधियों को याद कर लेता है परन्तु भगवान् को याद नहीं करता है।प्राणी संकट हो या सुख-शान्ति हो भगवान् का नाम लेना चाहिए और भगवान की शरण में ही जाना चाहिए।आज संकट आते ही सबसे पहले डाक्टर के पास ले जाते हैं वहाँ उसका उपचार कराते है।आचार्य कहते यदि प्रतिदिन भगवान की भक्ति करते है तो कर्म का नाश होकर गुणों में वृद्धि,धन समृद्धि की प्राप्ति होती है।अन्त समय में लोग तुम्हारे कपडे निकाले उसके पूर्व कर्मों के आवरण को छोड़कर जिनवर का रूप धरकर अपना आत्मा को जगा लेना।इस दौरान मुनिश्री दर्शितसागर जी महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति समय पर पद की गरिमा रहित होकर सामाजिक व्यवस्थाओं में भाग लेता है वह पद की गरिमा नहीं अपनी आत्मा की गरिमा को खो देता है और खोई गरिमा बहुत कठिन कार्य करते है।मुनिश्री ससंघ के सानिध्य में मंगलवार को 15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर श्री विद्यासागर सन्त निलय में प्रातःकाल 8 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा।इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित रहेंगे।