सिंगोली(निखिल रजनाती)।स्थानीय शिक्षण संस्था सरस्वती शिशु मंदिर अहिंसा पथ शाखा में हिन्दी साहित्य के महान संत कवि गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती मनाई गई।सर्वप्रथम शाखा प्रभारी दिलीप कुमार कछाला द्वारा तुलसीदास जी के चित्र पर पुष्प अर्पण कर पूजन किया गया।उत्सव एवं जयंती प्रमुख सुश्री शानू सोनी के द्वारा तुलसीदास जी के जीवन यात्रा पर भैया बहिनों को जानकारी दी गई।गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्मस्थान विवादित है।अधिकांश विद्वानों व राजकीय साक्ष्यों के अनुसार इनका जन्म सोरों शूकर क्षेत्र जनपद कासगंज उत्तरप्रदेश,तो कुछ इनका जन्म राजापुर जिला चित्रकूट में हुआ ऐसा मानते है।इनके पिता का नाम पंडित आत्माराम शुक्ल माता हुलसी तथा पत्नी का नाम रत्नावली था,इन्हें एक पुत्र भी प्राप्त हुआ जिसका नाम तारापति /तारक था,जो कुछ समय पश्चात काल कवलित हो गया।रामचरित मानस,विनय पत्रिका दोहावली,कवितावली ,हनुमान चालीसा,जानकी मंगल,पार्वती मंगल वैराग्य संदीपनी इनके साहित्य संग्रह है,रामचरितमानस इनका गौरव ग्रंथ है जिसे विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46 वां स्थान दिया गया है।रामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है।तुलसीदास जी को रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।संवत 1680 में श्रावण मास कृष्ण पक्ष तृतीया शनिवार को तुलसीदास जी ने राम राम कहते हुए अपना शरीर परित्याग किया।उक्त जानकारी प्रचार प्रसार प्रमुख सुश्री निकिता विश्वकर्मा ने दी ।