सिंगोली(निखिल रजनाती)।नगर में चातुर्मास हेतु विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से शिक्षित व वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज व मुनिश्री दर्शित सागर जी महाराज के सानिध्य में 27 अगस्त रविवार को मेवाड़ व मालवा प्रांत मे प्रथम बार भव्य जैनत्व उपनयन संस्कार विधि महोत्सव का आयोजन होगा जिसमें नगर सहित आसपास के नगरों के बडी संख्या में बच्चे भाग लेंगे।शिविर में भाग लेने वाले बच्चों को समाज के द्वारा धोती दुपट्टा व अन्य सामग्री दी जाएगी।मुनिश्री ससंघ के सानिध्य में जैनत्व उपनयन संस्कार विधि महोत्सव का मांगलिक कार्यक्रम प्रातःकाल 6 बजे से प्रारंभ होगा श्रीजी का अभिषेक,शान्तिधारा व उपनयन संस्कार क्रियाएं मुनिश्री ससंघ के प्रवचन व आहरचर्या व 11:30 बजे नवीन श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पर वेदी शिलान्यास का कार्यक्रम होगा जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहेंगे।मुनिश्री ने 26 अगस्त को प्रातःकाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कार ही उज्जवल भविष्य का निर्माण करते हैं।संस्कार एक जड़ पाषाण को भी पूज्य परमात्मा का रूप दे देते हैं।संस्कार के बिना जीवन पशुवत होता है।संस्कार उत्तम जीवन का आधार है।संस्कार के द्वारा ही आत्मा परमात्मा बन जाती है।उन संस्कारों का बीजारोपण गर्भ से ही प्रारंभ होता है।प्रत्येक समय किए जाने वाले संस्कार भावी जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उपनयन संस्कार भी उन्हीं संस्कारों में से एक है।