नीमच। मिट्टी हमारे जीवन का आधार है. लेकिन खेती, जंगलों की कटाई, और दूसरी कई वजहों से ऊपरी मिट्टी बहुत तेज़ी से खराब और नष्ट हो रही है. विश्व स्तर पर, 52% खेती की भूमि पहले ही खराब हो चुकी है. धरती संकट में है. यदि मिट्टी इसी तेज़ी से ख़राब होती रही है तो ऐसे में इसमे सुधार लाने की बेहद आवश्यकता है. यह कहना है सोमेन कुमार बडी का जो वेस्ट बंगाल के आसनसोल के निवासी है और बीते लगभग साढ़े सात महीने से साइकिल पर अपनी पत्नी के साथ यात्रा पर है. सोमेन और उनकी पत्नि लक्ष्मी अब तक 10 हज़ार किलोमीटर का सफर तय कर चुके है. इस दौरान वे नॉर्थ ईस्ट में आसाम, मणिपुर, बिहार, झारखंड, यूपी, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों में जागरुकता फैलते हुए बीती देर रात मध्यप्रदेश की सीमा पर स्तिथ नीमच शहर पहुंचे।जहां रात्रि विश्राम के बाद वे अपनी आगे की यात्रा पर रवाना हुवे।सोमेन कुमार बडी ने बताया की लगभग हर बड़ा पर्यावरण का संकट, कुछ हद तक, मिट्टी की क्वालिटी के ख़राब होने का ही एक परिणाम या लक्षण है. इसी तरह, पर्यावरण से संबंधित लगभग हर समस्या को मिट्टी को स्वस्थ बनाकर सुलझाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मिट्टी बचाओ अभियान के जरिए लोगों को मिट्टी से प्यार करने और उसे बचाने का संदेश दे रहे है. उन्होंने कहा कि मिट्टी से प्यार करो और उसे बचाओ, क्योंकि जो इस मिट्टी में छुपा हैं वो और किसी में नहीं. ये मिट्टी इंसान, पशुओं, पर्यावरण और इस पूरे ब्रह्मांड के लिए वरदान हैं.मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस अभियान पर निकलने से पहले उन्हें उनके पहचान वालों ने हतोत्साहित किया ऐसे में वे सभी की नजरो से छुप कर साढ़े 7 माह पूर्व सूरज निकलने से पहले ही घर छोड़ कर चल दिये.सोमेन कुमार बडी की इस यात्रा में उनकी पत्नि लक्ष्मी बडी भी उनके साथ है. उन्होंने बताया कि जब उनके पति ने उन्हें इस जागरुकता अभियान पर निकलने की बात कही तो लक्ष्मी ने अकेले जाने से मना कर दिया और कहा कि उसे भी साथ लेकर चले. लक्ष्मी ने बताया कि शुरुआत में तो परिवार वाले नाराज रहे लेकिन अब वे खुश है और होंसला अफजाई भी करते है. अपने पति के साथ इस अभियान का हिस्सा बनने पर लक्ष्मी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पूरे देश से उन्हें इतना प्यार मिला कि बिना कोई पैसे खर्च करे वे 10 हज़ार किलोमीटर का सफर तय कर गए. वहीं उन्होंने देश की महिलाओ से खुद से प्रेरणा लेने की बात कही उन्होंने कहा कि अगर निश्चय करले तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है.