सिंगोली (निखिल रजनाती)।नानी बाई उदास होकर घर पर बैठी है, सोच रही है कि मेरे मायरा कौन लेकर आएगा,कौन भात भरेगा ऐसे विचार मन में चल रहे हैं और आँसूओं की धारा बह रही है,पिता नरसी जी ने कहा कि साँवरा मायरा लेयर आएगा तू चिंता मत कर।भवन की छत पर बैठी नानीबाई सोच रही है कि अचानक धूल मिट्टी उड़ने लगी और घोड़ों की आवाज आने लगी,नानीबाई कमरे में जाकर बैठ गई तो उसको बताया कि कोई राजा दल बल सेना सहित आए है और अपना नाम साँवरिया बता रहे है यह सुनते ही नानीबाई दौड़ पड़ी और देखा कि साँवरिया सेठ अपने परिवार के साथ मायरा लेकर आए हैं,यह सुनते ही आँसूओं की अविरल धारा बह निकली जो रुकने का नाम ही नहीं ले रही है।जब द्वार पर साँवरिया सेठ को परिवार सहित देखा तो बोल उठी म्हारो बीरो भात भरण ने आयो रे,सहस्त्र सेना,हीरे मोती सोना चांदी सहित पूरे लाव लश्कर के साथ भगवान साँवरिया सेठ अपनी पत्नी सहित मायरा लेकर भक्त के घर पहुंचे और भक्त नरसी मेहता का मान रखा।उक्त बात बांगरेड से आए पंडित कुलदीप शर्मा ने बजरंग व्यायाम शाला परिसर पर आयोजित तीन दिवसीय नानीबाई का मायरा में उपस्थित भक्तों से कही।भगवान भावना के भूखे होते हैं,उन्हें आप दिल से पुकारो वह दौड़े चले आते हैं।कण-कण में भगवान होते हैं,उन्हें बस दिल से याद करना होता है,वह हर क्षण हमारी रक्षा करते हैं और हमारे साथ रहते है।नरसी मेहता भगवान साँवरिया सेठ के अनन्य भक्त थे,वे उन्हें दिन रात याद करते रहते थे और उनके भजन गाते थे।उनकी पुत्री नानीबाई के मायरा लेकर आने की बात आई तो उन्होंने कहा कि मैंने साँवरिया सेठ को निमंत्रण दे दिया कि आपको मायरा लेकर चलना है।ससुराल में नानीबाई की सास और देवर रोज उसको ताना सुनाते रहते कि कौन मायरा लेकर आएगा,जिसके पास खाने का कुछ नहीं और जो अपने हाथो में वाद्य यंत्र लेकर घूमते रहते है,वह नरसी मेहता क्या मायरा लेकर आएँगे ?नरसी जी भगवान के भरोसे टूटी लकड़ी की गाड़ी में बैठकर अंजार जा रहे हैं और बीच रास्ते में गाड़ी का पहिया फँस गया तो साँवरिया सेठ किसना खाती बनकर आए और गाड़ी को ठीक किया।भक्त पर जब आफत आती है तो भगवान स्वयं उस समस्या का हल निकाल देते हैं।नगर की महिला मंडल द्वारा सिंगोली में तीन दिवसीय नानीबाई के मायरे का आयोजन किया जिसमें प्रतिदिन भक्तिभाव से कथा का अमृत रसपान किया।इस दौरान बजरंग व्यायाम शाला संचालक ओंकारलाल शर्मा का सम्मान भी किया गया।इस अवसर पर निशांतजोशी,पंडित लोमेश शर्मा ,राकेश माहेश्वरी,जगदीश शर्मा,चांदमल छिपा,पूरणमल सेन,जगदीश तिवारी सहित महिला मंडल और भक्तजन उपस्थित थे।