नीमच। मप्र सरकार द्वरा गर्भवती महिला को दूर दराज के गावो से जिला या नजदीकी स्वास्थ केंद्र तक लाने व लेजाने के लिए 108 जननी की शुरुवात निशुल्क की गई थी परंतु देखने मे आया है कि जननी के चालक द्वरा निजी स्वार्थ के लिए झूठी आईडी बनवाकर गर्भवती महिलाओं की बजाय अन्य प्रकार के मरीजो को रुपए लेकर अपने गंतव्य की ओर छोड़ा जा रहा है,ऐसा ही एक मामला शनिवार को नीमच जिला चिकित्सालय में सामने आया जहा जिला अस्पताल में भर्ती मोरवन निवासी एक पैरालिसिस मरीज के परिजनों को अपने निवास जाने के लिए एम्बुलेंस की आवश्यकता लगी तो उन्होंने पहले जिला अस्पताल के बाहर खड़ी निजी एम्बुलेंस चालक से बात की।जैसे ही इस बात की जानकारी जननी 108 के पायलेट दिनेश को लगी तो उसने उक्त परिजनों से सम्पर्क किया और 800 रु में मोरवन छोड़ने की बात भी तय हो गई इसके बाद पायलेट ने मरीज के परिजनों मरीज को 108 कार्यालय तक लाने को कहा जहा परिजन मरीज को विहिल चेयर पर लेकर वहां पहुचे जिसकी जानकारी निजी एंबुलेंस चालकों को लगी इसके बाद मौके पर विवाद की स्थिति बन गई मरीज जननी में बैठ पाते उसके पहले मौके पर विवाद की स्थिति बन गई। विवाद को बढ़ते देख मरीज के परिजन मरीज को लेकर वहां से चले गए। इसके बाद उक्त मामले की जानकारी निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा जननी 108 के वेल्डर देवीलाल धनगर को दी गई,मामले में निजी एम्बुलेंस के चालक बलराम पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि मोरवन निवासी पैरालिसिस अटेक के परिजनों से उन्हें मोरवन छोड़ने को लेकर निजी एंबुलेंस चालक की बात हुई थी और उन्हें हमारी ही एंबुलेंस में मोरवाल छोड़ने जाना था परंतु इसी बीच जननी 108 के चालक दिनेश द्वारा उनसे संपर्क किया गया और 800 रु में मरीज को मोरवन छोड़ने की बात तय कर मरीज को 108 कार्यालय के बाहर बुलाया गया।ओर जूठी आईडी बनवाने के लिए भोपाल कोल किया जैसे ही वह उन्हें बिठाकर रवाना होने वाला था उससे पहले हमने उसे रोक लिया। तो जननी का पायलट हमसे विवाद करने लगा। निजी एंबुलेंस चालक बलराम पटेल ने आरोप लगाए हैं कि जननी एक्सप्रेस का संचालन गर्भवती महिलाओं को निशुल्क लाने वाले जाने के लिए किया जाता है परंतु यहां के पायलट द्वारा झूठी आईडी बनाकर अन्य प्रकार के मरीजों को रुपए लेकर छोड़ा जा रहा है इस बात की शिकायत उनके द्वारा जननी एक्सप्रेस के वेल्डर देवीलाल धनगर से भी की गई है। उक्त मामले में जननी एक्सप्रेस के वेल्डर देवीलाल धनगर से जब फोन पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि जननी एक्सप्रेस 108 का संचालन गर्भवती महिला व नवजात शिशुओं को छोड़ने के लिए निशुल्क किया जाता है और जनानी का कोई भी पायलट अन्य प्रकार के किसी भी मरीज को रुपए लेकर इधर से उधर नहीं छोड़ सकता यदि ऐसा हुआ है तो मामले में कार्रवाई की जाएगी इसी मामले को लेकर निजी एंबुलेंस चालकों ने भी मुझे अवगत कराया है किसी के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा यदि जननी के पायलट द्वारा मरीज से रुपए लिए गए हैं तो रुपए भी उसे वापस दिलाया जाएंगे,शिकायत के चलते फिलहाल जननी के पायलट दिनेश को निलंबित कर दिया गया है।