कल मनाया जाएगा क्षमावाणी पर्व
सिंगोली(निखिल रजनाती)।सिंगोली नगर में चातुर्मास हेतु विराजमान मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज व मुनिश्री दर्शित सागर जी महाराज के सानिध्य में 29 सितंबर शुक्रवार को प्रातःकाल श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा हुई।प्रथम शान्तिधारा करने का सौभाग्य कु.तन्नु बागड़िया के 4 उपवास पूर्ण होने के अवसर पर तेजमल,विजयकुमार बागड़िया परिवार को प्राप्त हुआ जिसके बाद मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्यों ने सम्यूग्दर्शन,सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र को मोक्ष मार्ग कहा है।अकेला सम्यग्दर्शन या अकेला सम्यग्ज्ञान या अकेला सम्यक् चरित्र मोक्ष दिलाने में समर्थ नहीं है।तीनों की एकता ही मोक्ष को प्राप्त करा सकती है।समीचीन श्रद्धान के साथ समीचीन ज्ञान के साथ यदि समीचीन चरित्र नहीं हो तो दर्शन और ज्ञान व्यर्थ हो जाते हैं।सम्यक दर्शन को प्राप्त व्यक्ति में बाहर में प्रशम संवेग,अनुकम्पा और आस्तिक्य गुण पाया जाता है।सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति में दयाभाव,करुणा भाव रखता है।आज रत्नत्रय धर्म का दिन है जो हमें रत्नत्रय का पालन कर सुखी होने का मार्ग बताता है।इन दस दिनों में कई लोगों ने धर्माराधन किया,कई लोगों ने उपवास की साधना की,कई लोगों ने एकासन व्रत करके साधना की,उन सबको आशीर्वाद देते हुए भावना करते हैं कि आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं और चाहते है कि आप भी रत्नत्रय को प्राप्त कर मोक्षमार्ग प्रशस्त करें।इस अवसर पर दशलक्षण महापर्व पर दस उपवास करने वाले श्री निर्मल खटोड़,श्रीमति संगीता खटोड़ श्रीमति मेगा ठोला वहीं पांच उपवास करने वाले अरिहंत सेठिया,श्रीमति राजेश बागड़िया, अलकेश बागड़िया,सोशल बाई धानोत्या,श्रीमति टीना साकुण्या व तीन उपवास करने वालों व झांतला से पधारी महिलाओं का भी सभी का सामूहिक पालना विद्यासागर सन्त निलय पर प्रातः काल 11 बजे हुआ जबकि 30 सितंबर शनिवार को दशलक्षण महापर्व के समापन पर दोपहर 12:30 बजे भव्य श्रीजी शोभायात्रा निकाली जाएगी जो नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए शान्तिसागर सभा मंडपम विद्यासागर सन्त निलय पर पहुंचेगी जहाँ पर मुनिद्वय मंगल प्रवचन होंगे व सामूहिक क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा।इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित रहेंगे।