नीमच। चंबल का पानी नीमच शहर को मिले, इसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। राजनीतिक विचारधारा व दायरों से ऊपर उठकर शहर को भविष्य में जल संकट से मुक्ति दिलाने के लिए सकारात्मक भाव से प्रयास करना होंगे। यह सकारात्मक अपील कृति अध्यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ ने जिले विशेषकर नीमच शहर के नागरिकों से की है।शहर की साहित्यिक,सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था कृति ने गायत्री मंदिर रोड स्थित गायत्री मंदिर सभागृह में ‘शहर में जल संकट का समाधान चंबल का पानी है’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया। परिचर्चा की शुरुआत मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। संस्था कृति के अध्यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ ने स्वागत भाषण देते हुए परिचर्चा के विषय व महत्व पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत उन्होंने नीमच शहर में पानी की जरूरत और उपलब्ध संसाधनों की वर्तमान स्थिति बताई और भविष्य में जल संकट के हालात से निपटने के लिए चंबल नदी के पानी को नीमच शहर तक लाने की बात पूरजोर तरीके से रखी। साथ ही उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार की हर घर जल योजना का ब्योरा देते हुए कहा कि सरकार ने चंबल के पानी को घर-घर पहुंचाने की योजनाएं बनाई है लेकिन नीमच शहर को इससे वंचित रखा है। परिचर्चा में पूर्व विधायक डॉ संपतस्वरूप जाजू, नपा की जलकल समिति सभापति छाया जायसवाल सहित अन्य ने भी विचार व्यक्त किए। परिचर्चा का संचालन किशोर जेवरिया ने किया और उन्होंने बताया कि सन् 2010 से संस्था कृति नीमच शहर में चंबल का पानी लाने के लिए निरंतर आवाज उठा रही है।जनजागरण के माध्यम से नागरिकों के बीच इस मांग को पूरजोर तरीके से पहुंचा रही है। परिचर्चा के अंत में सभी प्रबुद्धजनों का मत रहा कि चंबल का पानी नीमच शहर को मिले,इस हेतु वृहद स्तर पर एक जनांदोलन कीआवश्यकता है। परिचर्चा में जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती,अजय भटनागर, ओमप्रकाश चौधरी, प्रकाश भट्ट, सत्येंद्र सिंह राठौड़, सत्येंद्र सक्सेना, राजेश जायसवाल, भरत जाजू, विजयशंकर शर्मा, जिनेंद्र डोसी, यशवंत हरित, रमेश जायसवाल, रमेश मोरे, रमेश कदम, कमल मित्तल, भगत वर्मा, किशोर बागड़ी, केके कर्णिक, प्रकाश नागदा, मनोज माहेश्वरी, सुनीता पाटीदार सहित अन्य विशेष रूप से मौजूद रहे। अंत में आभार डॉ माधुरी चौरसिया ने माना।