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महीने में 5 दिन भी नहीं खुलता ग्वालियर कलां का उपस्वास्थ्य केंद्र 

सिंगोली(निखिल रजनाती)।क्षेत्रीय विधायक ओमप्रकाश सखलेचा के कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ।यह आरोप है रतनगढ़ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले रहवासियों का।उनके अनुसार रतनगढ़ इलाके में स्वास्थ्य सेवाएं और भी बदतर हो गई।हालत यह है कि छोटी-मोटी बीमारी तो दूर मरहम-पट्टी करवाने के लिए भी लोगों को राजस्थान की ओर तांकना पड़ता है।डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के अभाव में क्षेत्र के कई हॉस्पिटल तो ऐसे हैं जिनके तो ताले भी नहीं खुलते इन्हीं में ग्वालियर कलां ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित आरोग्यम उपस्वास्थ्य केंद्र शामिल है। ग्रामीणों की माने तो बच्चों को पोलियो की दवा पिलानी हो या फिर कोई टीकाकरण का अभियान उसी दिन कुछ समय के लिए उपस्वास्थ्य केंद्र के ताले खुल पाए हैं अन्यथा हॉस्पिटल का ग्रामीणों के लिए कोई उपयोग नहीं है।इस ग्राम पंचायत क्षेत्र में ग्वालियर कलां के साथ ग्वालियरखुर्द,लक्ष्मीपुरा,काबरियाखेड़ी, केलडिया,खातीखेड़ा,बाघपुरा, रूपपुरा आदि छोटे-मोटे गांव शामिल है।इस पूरी पंचायत की आबादी करीब साढ़े तीन हजार बताई गई है चूंकि चारों ओर से यह क्षेत्र पहाड़ और जंगलों से घिरा है इन विषम परिस्थितियों को देखते हुए लगभग 15 साल पहले ग्वालियर कलां में उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया।कुछ समय तक क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिला लेकिन बाद में धीरे-धीरे नर्सिंग स्टाफ का आना भी बंद हो गया और नतीजतन यह उपस्वास्थ्य केंद्र महीने में 25 दिन बंद ही रहता है।गांव के महेंद्रसिंह ने बताया कि पिछले 10-12 साल से अस्पताल के यही हालत है।जब बच्चों को पोलियो की दवा पिलानी हो या फिर कोई टीकाकरण अभियान,एक नर्स स्कूटी लेकर आती है और अपना काम निपटाकर निकल जाती है।अब उसके बाद कोई बीमार हो जाए या फिर दुर्घटना का शिकार राजस्थान के विजयपुर या फिर चित्तौड़गढ़ ले जाना ही एकमात्र विकल्प है जबकि बारिश के दरम्यान सर्पदंश और जहरीले जंतुओं के काटने का खतरा और भी बढ़ जाता है।पुष्पेंद्रसिंह का कहना था कि कुछ समय तक नर्सिंग स्टाफ भी रहा परंतु फैसेलिटीज के अभाव में अस्पताल में ठहराव बंद कर दिया गया।फैसेलिटीज के साथ अस्पताल को रिनोवेट करवाया ताकि कर्मचारियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए लेकिन रिनोवेशन का भी कोई फायदा नहीं मिला और स्थितियां जस की तस है।

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