नीमच। आम आदमी पार्टी के 7 कार्यकर्ताओं को वर्ष 2015 में नयागांव परिवहन चेकपोस्ट की अवैध वसूली के खिलाफ आवाज उठाने पर रात करीब 2 बजे फिल्मी स्टाइल में घरों से उठाया गया था। तब सभी को 9 दिन जावद -कनावटी जेल में रहना पड़ा था। इस प्रकरण में अब करीब 8 साल बाद नीमच जिले के विशेष न्यायालय ने सभी को दोषमुक्त कर दिया है। नवरात्रि में आए इस निर्णय को असत्य पर सत्य की जीत माना जा रहा है।बतादे की सम्पूर्ण देश में अवैध वसूली के लिए कुख्यात मध्यप्रदेश की परिवहन चेकपोस्टों पर प्रतिदिन होने वाली करोड़ो रुपए की अवैध वसूली के खिलाफ आम आदमी पार्टी वर्ष 2013 से निरंतर संघर्ष कर रही है। गरीब व बेबस ट्रक चालकों से हो रही अवैध वसूली के खिलाफ शुरू किए आंदोलन की वजह से प्रशासनिक तंत्र की बौखलाहट भोपाल के गलियारों तक गूंजने लगी थी। वर्ष 2015 में इस संघर्ष से आप के 7 कार्यकर्ताओं पर परिवहन विभाग ने एफआईआर दर्ज कराई थी।अभिभाषक मनीष जोशी ने बताया कि 7 साल 295 दिन तक मुकदमा चलने के बाद कोर्ट में प्रकरण झूठा साबित हुआ है। माननीय न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए आप के सभी 7 कार्यकर्ताओं को लम्बी बहस के बाद दोषमुक्त करार दे दिया। इस मामले में आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रमुख नवीन कुमार अग्रवाल ने जानकारी देते हुवे बताया कि यह सर्वविदित है की मध्यप्रदेश में उच्च राजनितिक एवं प्रशासनिक संरक्षण के चलते प्रदेश की 46 चेकपोस्टों पर गरीब वाहन चालकों से प्रायवेट गुंडों के दम पर वाहनों के टायर की संख्या के मान से वर्ष 2016 से पहले तक प्रति वाहन प्रति महीना 1400 से 18000 रुपए तक की अवैध वसूली अवैधानिक रूप से होलोग्राम युक्त स्टिकर लगाकर की जाती थी। ओर इसके माध्यम से शासन को खुलेआम करोड़ो रुपए की राजस्व हानि की जाती थी। इस भृष्ठाचार के खिलाफ आप कार्यकर्ताओं ने आंदोलन शुरू किया था। इसके परिणाम स्वरूप तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमारम एवं पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने कर्तव्य निष्ठा का परिचय देते हुए परिवहन चेकपोस्ट पर छापामार कार्रवाई कराई थी। इस कार्रवाई में अवैध होलोग्राम युक्त स्टिकर जब्त कर परिवहन चेकपोस्ट के कर्मचारियों के खिलाफ 420, 467, 468 ,470, 472, 406, 120 ब प्रकरण दर्ज हुआ था। तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमारम ने आप के नवीन कुमार अग्रवाल की शिकायत को सही मानते हुए छापामार कार्यवाही करवाकर अपने उच्च अधिकारियों को प्रतिवेदन भेजकर कार्रवाई करने के लिए पत्र प्रेषित किया था। कलेक्टर के इस प्रतिवेदन से भोपाल के गलियारों में हड़कंप मच गया था।तब आनन फानन में तत्कालीन अधिकारियों (तत्कालीन कलेक्टर व एसपी) को हटाकर भोपाल सचिवालय में पदस्थ कर लूपलाइन में भेज दिया। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के संघर्ष और आंदोलन को कुचलने के लिए मनगढ़ंत कहानी बनाई गई। 2 दिसंबर 2015 को वाहन चालकों पर चेक पोस्ट पर तैनात कर्मचारियों ने जो प्राणघातक हमला कर दो व्यक्तियों को मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया था इस घटना का लाभ उठाते हुए उस घटना को विलोपित कर आम आदमी पार्टी के साथियो के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए विभिन्न धाराओं 147, 148, 149, 323, 294, 353 ,327, 332, 427 एवं एस्ट्रो सिटी एक्ट 3(1) (10) जैसी गंभीर प्रवृत्ति की धाराओं में झूठा प्रकरण पंजीबद्ध करवाकर 28 दिसम्बर 2015 की अर्धरात्रि को कुख्यात आतंकवादियों की तर्ज पर घरों से उठाकर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। इस तरह प्रशासनिक दबंगई के दम पर 'आप' के आंदोलन को कुचलने का कुत्सित प्रयास किए गया था। आप के क्रांतिकारी साथियो को 9 दिन जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा था। तब शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने आप कार्यकर्ताओं पर दर्ज झूठे मामले को लेकर प्रदर्शन और ज्ञापन दिए गए। 9 दिनों के बाद आप कार्यकर्ताओं को जमानत मिली थी। करीब 8 साल नीमच जिले के माननीय विशेष न्यायालय में चली लम्बी बहस के बाद अभिभाषक मनीष जोशी व उनकी टीम की ओर से प्रस्तुत किए साक्ष्यों, तथ्यों, गवाहों और प्रमाण के आधार पर माननीय विशेष न्यायाधीश महोदय अजय कुमार टेलर ने 18 अक्टूबर 23 को ऐतिहासिक फैसला देते हुए सभी आप साथियो नवीन कुमार अग्रवाल , अशोक सागर, चंद्रेश सेन, राजिंदर कौर, रिजवाना खान, अक्षय धनगर एवं अब्दुल रज्जाक को दोषमुक्त करार दिया।इस ऐतिहासिक फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए आप के लोकसभा प्रमुख नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में देश में जो तानाशाही राजनेताओं द्वारा सत्ता का दुरुपयोग कर चलाई जा रही है वो सर्वविदित है। देश की जनता को मात्र विश्वास है तो देश की न्याय प्रणाली पर। एक लम्बी बहस के बाद जो आज फैसला आया है उसका हम सम्मान करते हैं। यह जीत देश के उन करोड़ो लोगो की जीत है जो इस प्रकार से गलत आचरण का विरोध कर रहे हैं। इस जीत से उन लोगो का होंसला बढ़ेगा और असत्य के खिलाफ संघर्ष करने वाले लोग और अधिक मुखरता से अपना संघर्ष जारी रखेंगे। अग्रवाल ने कहा कि नवरात्रो में जो फैसला आया है यह असत्य पर सत्य की जीत है।माता रानी का वर्तमान में दरबार सजा है। यह माता रानी का ही आशीर्वाद है कि ऐसे वक्त फैसला आया है जब हम सभी माता रानी की आराधना कर रहे हैं। सनातन धर्म में भी कहा गया है कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। प्रभु श्रीराम ने भी लम्बे संघर्ष के बाद रावण पर विजय प्राप्त की थी और सत्य की जीत हुई थी। आज हमें भी न्याय मिला है। नयागांव परिवहन चेकपोस्ट पर चल रही रावण रूपी अवैध वसूली का भी एक दिन अंत होगा। हमें पूर्ण विश्वास है हमारा संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। इस फैसले से हमें नई ऊर्जा मिली है। आगे भी और अधिक ऊर्जा के साथ हम इस संघर्ष को जारी रखेंगे।