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जावद प्रत्याशी समंदर पटेल ने लिया सांवरिया सेठ का आर्शीवाद, देव दर्शन के साथ हुवा स्वागत सत्कार, 20 साल बाद कांग्रेसजनो में मनाया जश्न, विकास की बजाय सखलेचा की नजर रही दलाली पर...समंदर पटेल

नीमच। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जावद से समंदर पटेल को मैदान में उतारने के साथ ही कार्यकर्ता जश्न में डूब गए है 20 साल बाद कार्यकर्ताओं में पहली बार इतना जोश देखने को मिला है। पार्टी द्वारा अधिकृत उम्मीदवार घोषित करने के बाद पटेल शुक्रवार सुबह सांवरिया जी मंडफिया पहुंचे, जहां देव दर्शन के बाद पुजारी और मंदिर मंडल के कर्मचारियों ने उपरना ओढा कर उनका अभिनंदन किया। रास्ते में आवरी माता के दर्शन करने के बाद पटेल  निंबाहेड़ा पेच एरिया गए जहां राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना से मुलाकात की। नयागांव गोशाला में गायों को गुड़ और चारा खिलाया जहां चौराहा पर ढोल धमाकों के साथ कार्यकर्ताओं द्वारा माला पहनाकर अभिनंदन किया गया। गोरजा माता के दर्शन के बाद खोर,रूपारेल में भी  जबरदस्त स्वागत हुआ।कार्यकर्ताओं में पटेल के प्रति इतना जोश था कि विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता खोर रोड स्थित कार्यालय पहुंच गए। लंबे इंतजार के बाद जैसे ही पटेल कार्यालय पहुंचे तो जबरदस्त आतिशबाजी और ढोल ढमाकों के साथ कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा कर फूल मालाओं से लाद दिया। कार्यकर्ताओं ने उन्हें कंधे पर उठा लिया। पार्टी के कई प्रमुख लोगों द्वारा उन्हें पार्टी द्वारा विश्वास जताने पर शुभकामनाएं दी। बधाईयों का यह सिलसिला दिन भर चलता रहा।कांग्रेस प्रत्याशी पटेल ने कार्यकर्ताओं के साथ पैदल ही कार्यालय से लक्ष्मीनाथ मंदिर, बटकेश्वर महादेव मंदिर और गणेश मंदिर पहुंचकर भगवान का आशीर्वाद लिया। बाजार में व्यापारियों से संपर्क करते हुए बस स्टैंड पहुंचे जहां नुक्कड़ सभा आयोजित की गई। अपने संबोधन में वरिष्ठ नेता  एडवोकेट जगदीश शर्मा और संजय जोशी ने एकजुटता की नसीहत देते हुए कहा कि हर कार्यकर्ता को टिकट मांगने का हक है लेकिन टिकट वितरण के बाद पार्टी प्रत्याशी के साथ एकजुट होकर चुनावी रण में  उतरने की जरूरत है। इस बार कार्यकर्ताओं में जैसा जोश देखने को मिल रहा है उसे अंतिम समय तक बनाए रखकर पटेल को विधानसभा पहुंचाना है। वही अपने संबोधन में समंदर पटेल ने सखलेचा को सपनो के सौदागर की संज्ञा देते हुए कहा कि उन्होंने बीस साल में जनता को केवल विकास के सपने  दिखाएं लेकिन एक भी धरातल पर नहीं उतार पाए।एक भी उद्योग नहीं लाए जबकि उद्योग मंत्रालय की कमान उनके पास रही। विकास की बजाय सखलेचा की नजर दलाली पर रही। हर काम में कमीशनखोरी चलाई गई। एनडीपीएस की धारा 8/29  की आड़ में अपने संगठन के  खास लोगों के जरिए अफीम काश्तकारों को लूटा गया। इस धारा को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा।

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