नीमच। दशानन दहन पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम से प्रेरणा लेकर विद्यार्थी भारतीय संस्कृति के संस्कारों के अनुरूप जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़े तो सफलता उनके कदमों में होगी। जिस प्रकार रावण ने अहंकार किया और बुराई को आत्मसात किया तो उनका अंत हो गया था।यह बात सरस्वती शिशु मंदिर सीनियर सेकेंडरी नीमच सीबीएसई विद्यालय समिति के अध्यक्ष प्रहलाद राय गर्ग दडोली ने कहीं।वे सरस्वती शिशु मंदिर सीबीएसई विद्यालय प्रांगण में शनिवार सुबह आयोजित विजयदशमी पर्व दशानंद दहन कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि हमें देश के प्रति समर्पण भाव रखते हुए बुराइयों का अंत कर एक समूह राष्ट्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। तभी हमारे शिक्षा और संस्कार महत्वपूर्ण होंगे। विद्यालय प्राचार्य कविता जिंदल ने बताया कि सनातन संस्कृति पर आधारित विभिन्न हिंदू धर्म के सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं गतिविधियां निरंतर आयोजित कर बच्चों को नैतिक शिक्षा के संस्कार सीखने की प्रेरणा देने का निरंतर विद्यालय परिवार द्वारा प्रयास किया जा रहा है।शिक्षिका दर्शना जोशी ने रावण का दहन क्यों किया जाता है विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रावण दसों दिशाओं पर नियंत्रण कर सकता था लेकिन भगवान रामजी ने इस अहंकारी रावण का नाश कर आतंक से मुक्ति दिलाई इसलिए विजयदशमी पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व रूप में मनाया जाता है।सभी विद्यार्थी संकल्प ले कि हमारे मन में जो अहंकार रूपी रावण है उसका दहन करना चाहिए। असत्य पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत है।विद्यार्थी जीवन पर्यंत सत्य वाणी बोलने का संकल्प ले तो उनको जीवन में सफलता मिल सकती है। कार्यक्रम में समिति सचिव निलेश पाटीदार ,उपाध्यक्ष छत्रपाल सिंह परिहार, प्राचार्य कविता जिंदल सहित अनेक विद्यालय परिवार के भैय्या बहन शिक्षक शिक्षिकाएं विद्यार्थी एवं विद्यालय परिवार के कर्मचारी स्टाफ सहित विभिन्न लोग उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका जूही जैन ने किया तथा आभार उपप्राचार्य प्रतिभा शर्मा ने व्यक्त किया। इस दौरान सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के कक्षा प्रथम एवं द्वितीय के नन्हे मुन्ने विद्यार्थियों ने रामलीला की नाटिका प्रस्तुत की।जिसमें दशरथ जन्मय सांखला, श्री राम जी भगवान अथर्व जैन,लक्ष्मण नक्श अग्रवाल, भरत अध्यात्म धाकड़, शत्रुघ्न काजल मीणा, रावण धर्म ध्वज सिंह चौहान, भूमिका तिवारी ,सीता माता भूमिका माली ,कौशल्या नैनिका कौशिक, सुमित्रा हिताक्षा शर्मा, हनुमान अनुज रावल, आदि ने अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा दिखाई।