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श्री शान्तिसागर जी महाराज के आचार्य पदारोहण शताब्दी वर्ष पर सिंगोली में पाँच दिवसीय कार्यक्रम 

आचार्य श्री के व्यक्तित्व पर परिचर्चा एवं कई धार्मिक आयोजन होंगे

सिंगोली(निखिल रजनाती)।सिंगोली नगर में चातुर्मास हेतु विराजित दिगंबर संत परम पूज्य गुरूदेव श्री सुप्रभ सागर जी महाराज एवं दर्शित सागर जी महाराज के सानिध्य में समाज द्वारा इनके दादा गुरू एवं दिगंबर परम्परा के प्रथम आचार्य चारित्र चक्रवर्ती परम पूज्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के आचार्य पदारोहण शताब्दी वर्ष के प्रारंभ अवसर पर पांच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जो दिनांक 24 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 28 अक्टूबर तक चलेगा।कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देने के लिए गुरूदेव सुप्रभ सागर जी महाराज ने आज दिगंबर जैन संत शाला में पत्रकार वार्ता करते हुए सभी पत्रकारों को कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।गुरूदेव से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 24 अक्टूबर से शताब्दी वर्ष का भव्य आरंभ होगा जिसमें परम पूज्य चारित्र चक्रवर्ती प्रथमाचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के व्यक्तित्व परिचर्चा के माध्यम से पांचो ही दिन गुरूदेव के जीवन पर आधारित विषयों पर अलग अलग व्यक्तियों द्वारा जानकारी देते हुए उनके जीवन पर परिचर्चा होगी तथा मुनिकुल पितामह के विराट व्यक्तित्व को जन जन तक पहुंचाने हेतु परम पूज्य पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधी आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर जी महाराज एवं परम पूज्य संत शिरोमणी आचार्य 108 विद्यासागर जी महाराज की आशीष छाया में परम पूज्य मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज एवं दर्शित सागर जी महाराज के पुनित सानिध्य में प्रथमाचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन को जन जन तक पहुंचाया जाएगा।गुरूदेव ने जानकारी में यह भी बताया कि परिचर्चा में अधिकांश स्थानीय वक्ता ही अलग-अलग विषयों पर परिचर्चा करते हुए जानकारी देंगे साथ ही समारोह की शुरुआत प्रतिदिन मंगलाचरण, चित्र अनावरण, प्रथमाचार्य श्री शान्तिसागर जी महामुनिराज की संगीतमय महापूजन,मुनिद्वय को शास्त्र दान सहित प्रतिदिन रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। शताब्दी समारोह के अंतर्गत दिनांक 25 अक्टूबर को श्रीमती कंचनबाई बापूलाल मोहीवाल जैन चैरिटेबल ट्रस्ट बोराव के सौजन्य से वृहद चिकित्सा एवं नैत्र परीक्षण शिविर का आयोजन स्थानीय गौतमालय भवन पर प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा।दिनांक 28 अक्टूबर को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अवतरण दिवस पर महाआरती एवं रात्रि में भजन संध्या का आयोजन होगा जिसमें इन्दौर से संगीतकार मयुरजैन एण्ड पार्टी विशेष रूप से उपस्थित रहेगी।आयोजन को लेकर स्थानीय दिगम्बर जैन समाज द्वारा जोर शोर से तैयारियां की जा रही है और नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।सभी में हर्ष और खुशी व्याप्त है कि नगर में 5 दिनों तक धर्म की गंगा बहेगी।

चारित्र चक्रवर्ती प्रथमाचार्य शान्तिसागर जी महाराज का जीवन परिचय पर एक नजर 

*जन्म- आषाढ़ कृष्ण पक्ष-6 वि सं 1929 ईस्वी 1872 येलगुल कर्नाटक 

*माता- पिता- सत्यवती- भीमगौड़ा पाटील 

*दीक्षा- क्षुल्लक दीक्षा ज्येष्ठ शुक्ला 13 वि सं 1972 ईस्वी 1915 उत्तूर महाराष्ट्र 

*आचार्य पद- आश्विन शु 11 वि सं 1981 ईस्वी 1924 समडोली 

*पदविहार- 35000 हजार मील से अधिक 

*तप साधना- सिंहनिष्क्रीडित, चारित्र शुद्धी, तीस चौबीसी,कवलचन्द्रायण आदी अनेक व्रतो को करते हुए 35 वर्षीय संत जीवन में 27 वर्ष उपवास करके निकाले जिसमें 9938 उपवास किये 

*कुल वर्षायोग- 41 वर्षायोग 

*दीक्षित शिष्य- 26 मुनि, 4 आर्यिका,16 एलक, 28 क्षुल्लक ओर सैकड़ो व्रती श्रावकरूप चतुर्विध संघ 

*विशेष- सन 1925 में गोम्मटेश्वर भगवान बाहुबली स्वामी के महामस्तकाभिषेक में सानिध्य प्रदान किया और श्रवणबेलगोला से ही आप गुरूणां गुरू कहे जाने लगे। 

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