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विधानभा चुनाव 2023

भाजपा और कांग्रेस में  मुख्य मुकाबला
निर्दलीय उम्मीदवार बिगाड़ सकते हैं समीकरण
(शिव शंकर शर्मा मालव दर्शन)

रतनगढ़ विधानसभा का चुनावी बिगुल बज चुका है दोनों राजनीतिक पार्टियों ने अपना चुनाव प्रचार भी प्रारंभ कर दिया है कांग्रेस उम्मीदवार श्री समंदर पटेल ने  अपना नामांकन पत्र 27 अक्टूबर शुक्रवार को  अपने  हजारों समर्थकों के साथ दाखिल कर चुके हैं भाजपा की ओर से क्षेत्र से चार बार विजय श्री प्राप्त कर चुके वर्तमान विधायक एवं मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा 30 अक्टूबर सोमवार को अपने समर्थकों के साथ नामांकन पत्र दाखिल करेंगे जावद विधानसभा में पिछले चार या पांच विधानसभा चुनाव में त्रिकोणी मुकाबला रहा है इस बार भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए दावेदारी जताने वाले नेताओं ने पार्टियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक ओर नाराज कांग्रेस नेता क्षेत्रों में जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने ऐलान कर रहे हैं, तो दूसरी ओर भाजपा के रूठे नेता भितरघात करने का मन बना रहे हैं। जावद जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं वर्तमान में जनपद पंचायत सदस्य श्री पुरण  अहीर  ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है कांग्रेस से  विधानसभा के पूर्व उम्मीदवार रहे श्री राजकुमार अहीर भी अपना नामांकन 30 अक्टूबर को पेश करेंगे चुनावी राजनीति का इतिहास खंगाला जाए तो यह सीट ज्यादातर बीजेपी पार्टी के ही कब्जे में रही है. ऐसे में मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने की चाहत रखने वाली कांग्रेस भाजपा को लगातार पांचवीं बार विजय होने से रोकना चाहेगी.
 

एक और युवा जोश तो दूसरी और बेदाग एवं स्वच्छ छवि

भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं श्री पूरणमल अहीर को युवा साथीयों का  भारी समर्थन मिल रहा है तो दूसरी ओर क्षेत्र से चार बार विधायक एवं मध्य प्रदेश शासन में कैबिनेट मंत्री श्री ओम प्रकाश सकलेचा  को अपनी‌  बेदाग एवं स्वच्छ छवि एवं विकासवादी सोच से मतदाता प्रभावित होकर अपना समर्थन दे रहे हैं

परंपरागत वोट बैंक एवं जातिय समीकरण

पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी रहे एवं वर्तमान में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं श्री समंदर पटेल के पास कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक है और दूसरी ओर जावद विधानसभा मैं उनके धाकड़ समाज का वोट बैंक भी है श्री समंदर पटेल इन दोनों जगह अगर सफल होते हैं तो भाजपा के लिए मुश्किलें हो सकती है

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