सिंगोली(माधवीराजे)।नगर में चातुर्मास हेतु विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से शिक्षित व वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने 16 नवंबर गुरुवार को प्रातःकाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सपने सभी देखते है परन्तु सभी के सपने साकार नहीं होते हैं क्योंकि सपने सपने है,संकल्प नहीं।जो संकल्प लेता है वह कभी असफल नहीं होता है।बीज जब संकल्प लेता है और अपने आपको संघर्ष और समर्पण के लिए तैयार करता है तो भविष्य में वह वृक्ष का रूप ले लेता है।बीज जब वृक्ष बनने का संकल्प ले लेता है तो वह मिट्टी में दबाये जाने पर या पानी में भिंगोया जाने पर भी घबराता नहीं है वह अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित भाव से लग जाता है उसकी संकल्प शक्ति और समर्पण के कारण ही वह विशाल वृक्ष का रूप लेता है।आचार्य कहते हैं कि संकल्प में वह शक्ति है जो हारी हुई बाजी को जीता सकती है।संसार के जितने भी सफलता प्राप्त करने वाले हुए वे संकल्प शक्ति के द्वारा ही इस मुकाम पर पहुँचे।रास्ते में कई अवसर आते है।जब लक्ष्य से भटकना हो सकता है परन्तु संकल्प शक्ति उसे लक्ष्य तक पहुँचा कर ही शान्त होती है।संकल्प शक्ति के सहारे एक क्षुद्र चींटी जैसा कि जीव भी बड़े पहाड़ पर चढ़ जाती है तो मनुष्य तो शक्तिमान है उसके लिए क्या कुछ असम्भव है ?अर्थात् मन में संकल्प जागृत कर लो जीवन के निर्माण,निर्वाण दोनों के लिए सफलता के लिए संकल्प शक्ति आवश्यक तत्व है।आगामी 19 नवंबर रविवार को भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह होगा।मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज व मुनिश्री दर्शित सागर जी महाराज को नवीन पिच्छिका देने व पुरानी पिच्छिका लेने का सौभाग्य समाजजनों को प्राप्त होगा।कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से प्रारंभ होगा श्री शान्तिसागर सभा मंडपम विद्यासागर सन्त निलय पर।इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित रहेंगे।