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अहंकार के त्याग बिना जीवन में शांति नहीं मिलती है प्रवर्तक श्री विजयमुनिजी म. सा., 

नीमच। जीव दया बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है। अहंकार के त्याग बिना जीवन में शांति नहीं मिलती है। सुपात्र को दान किए बिना पुण्य फलदाई नहीं होता है।यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ जमुनिया कलां के तत्वावधान में  गणेश मंदिर के समीप महावीर भवन  में आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परमार्थ के सेवा कार्यों में कठिनाई अवश्य आती है लेकिन आत्मा को संतोष मिलता है। वह सुख कहीं नहीं मिलता है। चंद्रेश मुनि जी महाराज साहब ने कहा कि हम यदि भिखारी को आहार दान करें तो वह फलदाई होता है लेकिन यदि हम उसे धन-दान करें और वह यदि व्यसन में लगे तो वह पाप कर्म का भागी बन जाता है इसलिए सदैव सुपात्र और पवित्र अधिकारी को आहार दान करना चाहिए धन नहीं।क्योंकि यदि हम भिखारी को धन-दान करते हैं तो यदि वह व्यसन नशा करता है तो हम पाप के भागीदारी बन जाते हैं।इसलिए नगद राशि धन दान करने से बचना चाहिए सदैव बिस्किट या आहार खाद्य सामग्री दान करना चाहिए। मुक प्राणियों पशु पक्षियों के लिए भी जीव दया कर दान पुण्य परमार्थ का कार्य करते रहना चाहिए तो आत्मा का कल्याण हो सकता है।महानगरों में भिक्षावृत्ति का व्यवसाय हो रहा है जो पाप कर्म का कारण बनता है। जीवन में परिश्रम और पुरुषार्थ के बिना सफलता नहीं मिलती है।साध्वी डॉक्टर विजया सुमन श्री जी महाराज साहब ने कहा कि संसार के त्याग बिना संयम जीवन सफल नहीं होता है। संसार के प्रति लगाव राग का प्रतीक है। संतो के मार्गदर्शन से वैराग्य उत्पन्न होता है। आगे से अष्ट कर्मों के पापों का नाश होता है और मोक्ष मार्ग मिलता है। संसार में कोई किसी का नहीं होता है ।पुण्य परमार्थ का कर्म ही अपना होता है। इस अवसर पर इसमें सभी समाज जनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर  विभिन्न धार्मिक तपस्या पूर्ण होने  पर सभी ने सामूहिक अनुमोदन की।धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा, अभिजीतमुनिजी म. सा.,  अरिहंतमुनिजी म. सा., ठाणा 4 व  साध्वी डॉक्टर विजया सुमन श्री जी महाराज साहब का सानिध्य मिला।  मंगल धर्मसभा  में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया।समाज सेवा एवं तपस्या के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए श्रीमती पुष्पा  डूंगरवाल, पारस जैन व स्वाध्यायी वरिष्ठ श्रीमती रमिला प्रकाश पामेचा को भगवान महावीर स्वास्थ्य केंद्र दलोदा के अंतर्गत जैन दिवाकर संत सेवा तीर्थ द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।विजय मुनि जी महाराज आदि ठाना का विहार बुधवार दोपहर 1 बजे ग्राम जमुनिया से हर्कियाखाल सांधा चौराहा स्थित जैन स्थानक के लिए विहार किया । महाराज श्री हर्कियाखाल से गुरुवार सुबह मल्हारगढ़ होते हुए पिपलिया मंडी की ओर विहार करेंगे।  वहां से पिपलिया मंडी से दलोदा के लिए प्रस्थान के भाव रहेंगे।

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