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जाजू कन्या महाविद्यालय में विकसित भारत 2047 पर परिचर्चा सम्पन्न, स्टॉफ सहित लगभग 300 से अधिक छात्राओं ने की सहभागिता

नीमच। विकसीत भारत 2047 विषय पर श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच में मंगलवार को एक परिचर्चा आयोजित की गई, जिसमें महाविद्यालयीन स्टॉफ सहित लगभग 300 से अधिक छात्राओं ने अपनी उपस्थिति से परिचर्चा को महत्वपूर्ण सार्थकता प्रदान की। महाविद्यालय की लगभग 800 से अधिक छात्राओं ने विकसित भारत के लिए रजिस्ट्रेशन कराकर अपने विचारों को माय गॉव पोर्टल पर साझा किया। प्रारम्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 एन.के.डबकरा ने महाविद्यालयीन स्टॉफ एवं उपस्थित छात्राओं का स्वागत करते हुए परिचर्चा के उद्देश्य एवं महत्व को प्रतिपादित किया। डॉ0 डबकरा ने कहा कि विकसित भारत/2047 का उद्देश्य आजादी के 100 वर्ष यानी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। आज लक्ष्य बनाकर सार्थक कदम उठायेंगे तभी 2047 तक अपने विजन में सफल होगें। बी.ए.तृतीय वर्ष की छात्रा सोनी कुमारी ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2047 तक भारत में कोई भी निरक्षर नहीं रहे तथा षिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सर्वोपरी बनें। बी.ए.तृतीय वर्ष की छात्रा देविका कुमारी ने विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में भारत के अग्रणी बनने की बात कहीं, वरिष्ठ प्रध्यापिका डॉ0 प्रतिभा कालानी के कहा कि 2047 में भारत सुख समृद्धि से परिपूर्ण होने के साथ-साथ आध्यात्मिक एवं नैतिक दृष्टि से भी पुनः विश्व गुरु बने। युवा वर्ग अपने सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के साथ अपने कौशल को स्वरोजगार में लगाये। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ0पी.सी.रांका ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जी.डी.पी.की दृष्टि से भारत वर्तमान में विष्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है। 2047 तक इसे विष्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था तक पहुंचाने के लिए जी.डी.पी.की वृद्धि दर सतत् रूप से 8 से 9 प्रतिषत बढ़ानी होगी। 68 प्रतिषत यूवा आबादी को एक अवसर के रूप में देखने के साथ इसके कौषल को सकारात्मक दिषा में मोड़ना आवष्यक है।डॉ0 अल्केश जायसवाल ने कहा कि युवा वर्ग को दिन के वास्तविक सपनों को साकार करना होगा तथा आर्थिक संसाधनों के अपव्यय को रोकना भी आवष्यक है। अतिथि विद्वान श्रीमती मीनू पटेल ने कहा कि योग्यता को प्राथमिकता देने के लिए आरक्षण को कम करना चाहिए तथा मेधावी युवा को विदेश में जाने से रोकना होगा। प्राध्यापक हीरसिंह राजपूत ने कहा कि योजनाबद्ध विकास के लिए सभी को समूचित विचारों एवं सुझावों के रूप में विकसित भारत 2047 के लिए अपना योगदान देना होगा। परिचर्चा का संचालन एवं आभार राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक प्रो0हीरसिंह राजपूत ने किया।

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