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भागेश्वर मंदिर में श्री राम कथा प्रवाहित,

नीमच। माता सती ने  जब तक श्री राम कथा नहीं सुनी थी तब तक वह मृत्यु से भयभीत थी। पूरे  मनो भाव से भगवान शंकर से माता सती ने श्री राम की लीलाएं सुनकर अपनी मृत्यु के भय से मुक्त हो गई। श्रीमद् रामचरितमानस कथा मानव को भय से मुक्त करती है । मनुष्य जो सांसारिक मोह बंधनों से बंधा है वह यदि श्री राम कथा मनो भाव से सुनता है तो उसको सभी मोह बंधनों से मुक्ति मिलती है।तथा वह भगवान हरि के चरणों में स्थान प्राप्त कर लेता है। यह बात साध्वी भक्ति प्रिया इंदौर की शिष्या व ईश्वरीय प्रेम आश्रम इंदौर की साध्वी विष्णु प्रिया जी ने कही।वे श्री भागेश्वर महादेव  मंदिर आश्रम समिति  के तत्वाधान एवं बाबा छत्तु राम के पुण्य स्मरण दिवस  पर्व के पावन उपलक्ष्य में क्षेत्र की खुशहाली एवं सुख समृद्धि के लिए  श्री   रामायण पाठ के मध्य धर्म सभा में बोल रहे थीं।उन्होंने कहा कि पूरे देश में कथा करने गए लेकिन जो यहां देखा ऐसा पूरे देश में कहीं नहीं देखा।जहां ईशवर  है वहां सब कार्य मंगल ही मंगल होता है ।वहां कभी अमंगल नहीं होता है।राम कथा श्रवण करने से जन्म जन्म के पाप कर्म मिट जाते हैं।  9 का अंक राम जी को भी प्रिय है। उनका जन्म भी रामनवमी के दिन ही हुआ था। रामचरित मानस की शंकर भगवान ने रचना की थी।जो गुरु के ज्ञान को छोड़ देता है उसका विवेक नहीं रहता है और बिना विवेक के  सत्संग का पुण्य फल नहीं मिलता है।साध्वी श्री जी महाराज साहब ने विश्व मोहिनी स्वयंवर, इन्द्र,नारद मुनि, कामदेव, क्रोध, अभिमान, आदि विभिन्न विषयों के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया। इस अवसर पर हरे रामा रामा राम...ओ राम आएंगे मेरी कुटिया के भाग आज खुल जाएंगे... जैसे  विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। राम कथा में श्रद्धालु भक्त सहभागी बने।महाआरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।

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