हाथी पर सवार होकर भ्रमण पर निकले भोलेनाथ
सिंगोली(निखिल रजनाती)।महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 8 मार्च शुक्रवार को भोलेनाथ की शाही सवारी निकली जिसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा।नगर में महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।स्थानीय भूतेश्वर महादेव मंदिर से भूतभावन भगवान भोलेनाथ की सवारी दोपहर में पूजन-अर्चन के बाद शुरू हो गई।जैसे जैसे बाबा की सवारी मार्ग में बढ़ती गई बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का उमड़ना जारी रहा।कार्यक्रम में शिवजी एवं माता पार्वतीजी का विवाह का आयोजन भी सम्मिलित था जिसके तहत स्थानीय तहसील कार्यालय के बाहर शिव मंदिर पर मण्डप सजाया गया जहाँ विवाह की रस्में पूरी की गई।भोले बाबा की सवारी नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए देर शाम को नदीश्वर महादेव पहुँची।जहाँ भगवान शंकर की महाआरती कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।पूरे सवारी मार्ग को केसरिया रंग की झण्डियों और धार्मिक व स्वागत बेनर-फ्लेक्स के पोस्टरों से पाटते हुए रँगीन रोशनी की भी सजावट की गई।सवारी मार्ग में नगर के विभिन्न समाजसेवी और व्यापारी संघठनों द्वारा तरह तरह के स्टॉल लगाए गए थे।यहाँ के हरि ओम मित्र मंडल के तत्वावधान में भोजन के पैकेट भी वितरित किए गए।नगर में कई जगहों पर एलईडी की बड़ी वाल लगाकर सवारी का सीधा प्रसारण किया गया।सवारी मार्ग में ड्रोन से पुष्प वर्षा की गई।सवारी में सबसे आगे बैण्ड चल रहा था जबकि भोलेनाथ ने हाथी पर सवार होकर पूरे लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण किया जिनमें,डीजे साउंड सिस्टम,भक्तों की टोलियां नाचते हुए महिलाएं भगवान शंकर के भजनों पर मंगलगान कर रही थी।आतिशबाजी भी की जा रही थी।एक अन्य मुखोटे के रूप में आकर्षण तरीके से सजाए गए रथ पर भी भगवान भोलेनाथ विराजमान थे।महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित इस सवारी में श्रद्धालुओं का सैलाब बढ़ता ही जा रहा था।जैसे जैसे सवारी आगे बढ़ती गई भोलेबाबा के भक्तों का उत्साह और उमंग बढ़ती ही जा रही थी।भोलेनाथ की शाही सवारी में भाजपा और कांग्रेस नेता भी शामिल हुए।नगर में हर्ष व उल्लास का माहौल था तथा पूरा सिंगोली शहर भोले की भक्ति से सरोबार हो गया था।सुबह से ही भूतेश्वर महादेव,नदीश्वर महादेव,ज्येश्वर महादेव,तहसील परिसर के निकट स्थित शिव मंदिर सहित भोलेनाथ के सभी मंदिरों व स्थानों पर भक्तों द्वारा दर्शन करने का पूजा अर्चना करने का तांता लगा हुआ था।कई भक्तों ने भगवान का अभिषेक भी किया।कुल मिलाकर शुक्रवार का दिन पूरा सिंगोली शहर शिवभक्ति में डूबा हुआ था जबकि नजदीकी शिवधाम राजस्थान के ऊपरमाल स्थित तिलस्वां महादेव के लिए महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दूर दूर से भोले के भक्तों का आवागमन होता रहा।