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दिगंबर संत का हुआ मंगल प्रवेश, अगवानी में उमड़े समाज जन, राग द्वेष के त्याग बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता-दिगंबर संत आचार्य सुंदर सागर जी महाराज,

नीमच। राग द्वेष मोह क्रोध माया के त्याग बिना जीवन में आत्मा का कल्याण नहीं हो सकता है। मनुष्य जीवन ही एकमात्र ऐसा जीवन है जिसमें आदमी आत्मा से परमात्मा बन सकता है। लेकिन मनुष्य अपने स्वभाव और कर्तव्य को भूलकर संसार में रात दिन परिवार के लिए नौकर बन कर दौड़ रहा है। कि परमात्मा ने उसे मनुष्य जीवन आत्मा का मालिक बनाकर अपनी आत्मा का कल्याण के लिए भेजा है। मनुष्य जीवन में व्यक्ति आत्मा का मालिक बनने के लिए आया था लेकिन नौकर बनकर जाएगा। यह बात तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मति सागर जी के परम प्रभावक शिष्य आचार्य सुंदर सागर जी महाराज ने कही।वे दिगंबर जैन समाज नीमच के तत्वावधान में दिगंबर जैन मांगलिक भवन में मंगलवार सुबह 9 बजे आयोजित अमृत प्रवचन धर्म सभा में बोल रहे थे उन्होंने कहा कि विद्यार्थी पूरे वर्ष भर पढ़ाई करता है कि उसे परीक्षा में अच्छे अंक मिले और वह सफलता को प्राप्त करें।ग्रृहणि महिला दिनभर परिश्रम कर घर का अच्छा रख रखाव करती है अच्छा  शुद्ध सात्विक भोजन बनाती है  कि उसका परिवार सुखी रहे। व्यक्ति भी जीवन पर्यंत रात दिन परिश्रम कर धन कमाता है कि उसका परिवार  सुखी रहे।धर्म सभा शुभारंभ पर आयिर्का सुकाव्या मति माताजी ने गुरुदेव तेरे शीश मेरे हाथ का ही हाथ हो गीत प्रस्तुत कर मंगलाचरण किया। सर्वप्रथम श्रीमती हंसा बज  एवं प्रेरणा बाकलीवाल ने गुरु वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। प्रमोद गोधा ने संतों के जीवन परिचय प्रस्तुत किया।धर्म सभा में दिगंबर जैन समाज नीमच के अध्यक्ष विजय जैन विनायका जैन बोकर्स एवं समाज कार्यकारणी के सदस्यों ने श्रीफल प्रदान कर आशीर्वाद ग्रहण किया।कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र जैन बंटी ने  किया। मीडिया प्रभारी अमन विनायका ने बताया कि मुनि ससंघ ( लगभग 20 पीछी ) का मंगल प्रवेश दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में नीमच नगर में मंगलवार प्रातः 8 बजे बारादरी से हुआ ।मुनिसंघ बही चौपाटी से विहार करते हुए नीमच बारादरी पर पहुंचें तत्पश्चात जुलूस के साथ  मुनि संघ का भव्य मंगल प्रवेश हुआ । मुनिश्री का जुलूस नया बाजार, घंटाघर ,जाजु बिल्डिंग, दाना गली होते हुए चालिस विद्युत केंद्र के पीछे दिगंबर जैन समाज मंदिर पर पहुंचा जहां मुनि श्री ने दर्शन वंदन किये। तत्पश्चात मुनि श्री का जुलूस दिगंबर जैन मांगलिक भवन पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गया।मार्ग में स्थान स्थान पर समाज जनों द्वारा अक्षत गहुली कर मुनि संत से आशीर्वाद ग्रहण किया गया।मुनि संत की अगवानी में बड़ी संख्या में समाज जन सहभागी  बने।

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