नीमच। वेद वाणी वितान संस्थान एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में पञ्च दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था,यह कार्यशाला 17 मार्च से 21 मार्च 2024 तक "शब्द विज्ञान- स्फोट पर व्याकरण वेदांत और विज्ञान" जैसे गंभीर विषयों पर आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालय के शोधार्थी/ अध्येता ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। इस कार्यशाला के संयोजक प्रो.आचार्य सुद्युम्न ने पाणिनि पतंजलि भर्तृहरि सदृश वैयाकरणों के महत्व को प्रतिपादित करते हुए आधुनिक भाषा विज्ञान की रूपरेखा प्रस्तुत की। आचार्य जी द्वारा शब्द व अक्षर की नित्यता एवं अनित्यता पर गहन विवेचन किया साथ ही विभिन्न दर्शनों पर उनकी स्थिति का विश्लेषण किया साथ ही संस्कृत शब्दों का हिंदी, बघेली भाषाओं, उनके साहित्य पर प्रभाव एवं विकास का विवेचन किया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कार्यशाला का मुख्य विषय स्पोट रहा, जिसमें न्याय, वेदांत और सांख्य की दृष्टि से विचार विमर्श किया गया। विशेष रूप से भर्तृहरि की वाक्य पदीय में निर्दिष्ट शब्द, ब्रह्म और विभेद की अवधारणा पर प्रकाश डाला गया।कार्यशाला में मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति " आचार्य श्रीनिवास बरखेड़ी", आचार्य "डॉ. ओम नारायण तिवारी" पतंजलि योग विज्ञान विश्वविद्यालय हरिद्वार, एवं "भोला प्रसाद आग्नेय" (गणित व विज्ञान विशेषज्ञ) सम्मिलित हुए। कार्यशाला के समापन के दिन सभी शोधार्थियों डॉ. अदिति, दामिनी आर्य, सर्वेश्वर मिश्रा, निशांत कुमार, नीमच की बेटी भावना तिवारी, दिव्याम्बिका,भास्कर मिश्रा इत्यादि शोध अध्येता को प्रमाण पत्र द्वारा सम्मानित किया गया।