श्रीमद् भागवत एवं 108 तुलसी विवाह का कलश यात्रा से हुवा शंखनाद,
नीमच। विश्व सनातन हिंदू रक्षा संघ के घर -घर तुलसी सालिगराम महाअभियान के अंतर्गत निंबाहेड़ा गौशाला के संत परम गौ भक्त राधेश्याम सुखवाल के मार्गदर्शन में जय गणेश परिवार व लावण्या ग्रुप के तत्वाधान में बघाना बालाजी धाम पर 26 से 29 मार्च तक प्रतिदिन दोपहर 3 से 6 बजे तक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है।प्रतिदिन आरती के बाद प्रसाद वितरण होगा। मंगलवार के तुलसी विवाह के उपलक्ष्य में आयोजित धर्म सभा में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए गौभक्त राधेश्याम सुखवाल महाराज श्री ने कहा कि सती के तप के समान संसार में कोई तप नहीं होता है।सती ने अपनी तपस्या के सतीत्व के बल पर ही जलंधर राक्षस ने इंद्र आदि देवताओं को भी पराजित कर दिया था। सती सावित्री ने अपने पति के प्राण यमराज से लड़कर वापस लाए थे। प्रत्येक पति वृता स्त्री को अपने पति व्रत धर्म का पालन करना चाहिए इससे उनके पति के जीवन की रक्षा होती है।धार्मिक संस्कारों के बिना जीवन का कल्याण नहीं हो सकता है पूर्वजों की संस्कृति को हम भूल रहे हैं इसीलिए दुख देख रहे हैं। मृत्यु पर विजय नहीं होती है,84 लाख योनि के बाद मनुष्य जन्म मिलता है लेकिन मनुष्य को यह पता नहीं है कि उसे क्या करना है।महाराज श्री ने नारद मुनि संवाद, तुलसी विवाह प्रसंग व वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया।तुलसी विवाह आरती श्रीमद् भागवत पोथी पूजन में रेखा गोयल,अंजना अग्रवाल,राधिका मिश्रा, कल्याणी सोनी,कुसुम सोनी,कंचन सुराह आदि श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे। कार्यक्रम की पावन श्रृंखला में 26 मार्च को तुलसी कलश यात्रा गोपाल मंदिर बघाना से सुबह 10.15 बजे प्रारंभ होकर बालाजी धाम बघाना पहुंची। मंगलवार 26 मार्च को प्रथम दिवस राधेश्याम जी सुखवाल महाराज द्वारा लग्न लेखन,तुलसी शालिग्राम उत्पत्ति कथा के वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया। बुधवार 27 मार्च को द्वितीय दिवस गणपति स्थापना, चाक माताजी पूजन, शालिग्राम अभिषेक, शक्तिपीठ उत्पत्ति कथा के महत्व पर प्रकाश डालेंगे।गुरुवार 28 मार्च को हल्दी मेहंदी मोसारा भात, शुक्रवार 29 मार्च को बारात तुलसी विवाह के साथ ही कार्यक्रम का विश्राम होगा।