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विजिया मित्र मंडल द्वारा 23 वीं लावारिस अस्थि कलश यात्रा हरिद्वार के लिए प्रस्थान, मंगलवार को हरिद्वार मोक्षदायिनी गंगा में होगा तर्पण,

नीमच। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी विजया मित्र मंडल द्वारा 23 वीं लावारिस अस्थि कलश यात्रा 1 अप्रैल को सिटी रोड स्थित मुक्तिधाम से प्रातः 9 बजे प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई रेल्वे स्टेशन पहुंची,अस्थि कलश यात्रा में बैंड बाजे पर मानो तो मैं गंगा मां हूं ना मानो तो बहता पानी..गंगा तेरा पानी अमृत आदि गंगा माता एवं शंकर भगवान के जीवन चरित्र से जुड़े के साथ विभिन्न स्वर लहरियां बिखर रही थी ।कलश यात्रा बारादरी चौराहा ,श्री बड़े बालाजी मंदिर ,शीतला माता मंदिर, नरसिंह मंदिर ,श्री राम चौक, बिचला गोपाल मंदिर ,घंटाघर चौक ,शनि मंदिर, श्री राम मंदिर, जाजू बिल्डिंग ,बावड़ी वाले बालाजी खाटू श्याम  मंदिर आदि नगर के प्रमुख मार्गो से निकली। 7 अस्थि कलश को रथ में फूलों से श्रृंगारित किया गया था।यात्रा का मार्ग में श्रद्धालुओं ने स्थान- स्थान पर पुष्पांजलि अर्पित की। हरिद्वार जाने वालों में विजया मित्र मंडल के  अनिल मित्तल, नवीन गोयल आर.के.दिलीप गोयल,प्रवीण मित्तल राजेश गोयल,मुकेश सैनी, वीरा पाराशर, यशवंत जिंदल,गोपाल सिंहल, दिलीप मित्तल ,बाबूलाल गर्ग,संजय गोयल,दिनेश पडरिया,मनीष सिंहल, मनोज लोढ़ा,ब्रजेश बंसल, विजय चौरसिया,घनश्याम पंडित,राकेश सफा,अरुण सैनी,मोहन बंगाली हलवाई ,कालू सैनी,सोनू हलवाई ,आयुष जैन ,24 आदि मित्र मंडल के सदस्य शामिल थे। इस वर्ष 7 लोगों की अस्थियां लेकर मंडल के सदस्यों ने  हरिद्वार के लिए प्रस्थान किया है। मंडल के सदस्य नीमच से रेल द्वारा चित्तौड़गढ़ होते हुए कोटा रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां से रेल द्वारा हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेंगे।मंगलवार 2 अप्रैल को सुबह 7 बजे हर की पैडी हरिद्वार पर वहां हिंदू रीति के अनुसार पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना कर लावारिस व गरीब असहाय की अस्थियों का तर्पण मोक्षदायिनी गंगा नदी में किया जाएगा।इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ की गंगा मैया के पावन एवं निर्मल जल से सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक भी किया जाएगा। तत्पश्चात अस्थियों के विसर्जन निमित्त द्ररिद्र नारायण को भोजन भी करवाया जाएगा ।गरीबों को दक्षिणा स्वरूप वस्त्र आदि सामग्री भेंट की जाएगी।अस्थि कलश यात्रा का मार्ग में स्थान -स्थान पर व्यापारियों दुकानदारों श्रद्धालु भक्तों महिलाओं समाज जनों ने अस्थियों पर अगरबत्ती,पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।और सहभागी बनें। विजिया मित्र मण्डल विगत कई वर्षों से लावारिस एवं गरीबों की अन्त्येष्टि भी करता आ रहा है।मृत्यु उपरांत अंतिम संस्कार में लकड़ी एवं आदि की क्रिया कर्म की सामग्री के लिए सहयोग राशि मंडल द्वारा प्रदान की जाती है।4 वर्षों से निरंतर विजया मित्र मंडल पक्षी आहार केंद्र सेवा प्रकल्प का संचालन भी कर रहा है जिसमें शहर के सभी दानदाताओं का सहयोग भी मिल रहा है विजिया मित्र मण्डल विगत 22 वर्षों में करीब 608 अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर चुका है। 7 अस्थियां इस वर्ष संग्रह की गई है मंडल द्वारा इस प्रकार अब तक 615 अस्थियों का मोक्षदायिनी गंगा हरिद्वार में तर्पण के साथ विसर्जन हो जाएगा।

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