सिंगोली(निखिल रजनाती)।गत दिनों मालवदर्शन में प्रकाशित समाचारों का असर यह हुआ कि नीमच कलेक्टर ने मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए मौके पर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में जाँच टीम भेजी।उल्लेखनीय है कि अंतरराज्यीय बॉर्डर के समीप सिंगोली तहसील क्षेत्र के ग्राम अरनिया के पास स्थित प्राचीन मेंड़केश्वर महादेव मंदिर के नजदीक लगी शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 02 रकवा 0.420 हेक्टेयर सर्वे क्रमांक 3 रकबा 0.210 हेक्टेयर सर्वे क्रमांक 4 रकबा 0.136 हेक्टेयर में स्थित पत्थर खदान एवं इसके पास लगी सर्वे नंबर 10/11 का कुल रकबा 4 हेक्टेयर भूमि में दिनांक 27 सितंबर 2023 से 26 सितंबर 2033 तक फर्शी पत्थर उत्खनन हेतु लीज पट्टे की जांच करने के लिए 8 अप्रैल सोमवार को कलेक्टर दिनेश जैन के निर्देश पर सिंगोली नायब तहसीलदार भगवानसिंह ठाकुर,प्रभारी राजस्व निरीक्षक प्रकाश शुक्ला,कस्बा पटवारी अरविंद जादौन व अन्य अमले के साथ मेड़केश्वर महादेव पहुंचे।नायब तहसीलदार ठाकुर ने मौके पर पहुंचकर मंदिर पुजारी और लीज मालिक कमलेश पिता कन्हैयालाल को मौके पर बुलाया। जांच टीम ने दोनों के कथन लिए चर्चा की और मौका पंचनामा बनाया।मंदिर पुजारी ने जांच अधिकारी भगवानसिंह ठाकुर को बताया कि पूर्व में सन 2015 में शासन द्वारा कमलेश पिता कन्हैयालाल शर्मा निवासी बिजोलियाँ (राजस्थान) को खनिज उत्खनन हेतु पट्टा जारी किया गया था उस दौरान खदान से पत्थर निकालने के लिए जोरदार ब्लास्टिंग की गई थी और उस बड़े विस्फोट के कारण ही मंदिर और धर्मशाला की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसका ग्रामीणों और मंदिर समिति के लोगों ने उस समय भी विरोध किया था।वर्तमान में एक बार फिर प्रशासन द्वारा पुनः मंदिर के नजदीक 400 फीट की दूरी पर पत्थर उत्खनन करने के लिए पुरानी फर्म कमलेश कन्हैयालाल शर्मा को लीज पर पट्टा दिया गया है जो मंदिर क्षेत्र के लिए कतई उचित नहीं है।पुजारी ने कहा कि पूर्व में किए गए खदान क्षेत्र में जोरदार ब्लास्टिंग की तरह फिर से ब्लास्ट करने पर मंदिर और धर्मशाला की दीवारें ध्वस्त हो सकती है।लीज धारक द्वारा फिर से खदान क्षेत्र में पत्थर उत्खनन करने के लिए ब्लास्टिंग का सहारा लिया गया तो इस बार मेंड़केश्वर महादेव मंदिर के पूरी तरह धराशाही होने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है।अतः उक्त लीज पट्टे को तुरंत निरस्त कर क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं की आस्था और भावनाओं का प्रशासन ध्यान रखें।प्रशासन द्वारा उक्त जमीन को गोचर भूमि के लिए आरक्षित कर गौशाला को आवंटित की जाए ताकि महादेव क्षेत्र स्थित गौशाला में रहने वाले पशुओं को पर्याप्त चारा पानी की व्यवस्था हो सके।क्षेत्र का यह मंदिर अति प्राचीन होकर बहुत चमत्कारिक मंदिर है राजस्थान और मध्यप्रदेश के सैकड़ो लोग दर्शन के लिए हर रोज आते हैं ऐसी दशा में मंदिर के ठीक नजदीक खनन क्षेत्र बनाना कानून भी ठीक नहीं है क्योंकि खनन क्षेत्र में आए दिन ब्लास्टिंग की जाती है और ब्लास्टिंग से मलबा उछलकर सैकड़ो फीट दूर तक जाता है ऐसी दशा में मंदिर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी हर पल खतरा पैदा हो गया है।ग्रामीणों की मांग है कि हालात और मौके की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन को उपरोक्त खनन लीज तुरंत निरस्त कर लोगों की आस्था के साथ-साथ मंदिर की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।जाँच टीम का नेतृत्व करने वाले नायब तहसीलदार भगवानसिंह ठाकुर ने बताया कि मेड़केश्वर महादेव मंदिर का निरीक्षण किया है,परिसर में धर्मशाला और मंदिर की दीवारों में दरारें पाई गई है।मंदिर समिति सदस्यों और खदान लीज मालिक से भी चर्चा की है।दोनों पक्षों के कथन लिए हैं और कलेक्टर को प्रतिवेदन बनाकर भेज रहे हैं।