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अखंड सौभाग्य की कामना को लेकर महिलाओं ने किया गणगौर पूजन

नीमच। सुख शांति समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना को लेकर महिलाओं द्वारा गुरुवार को गणगौर पूजन किया गया बता दे की यह पर्व 16 दिन का होता है जो 25 मार्च से प्रारंभ हुआ था और आज 11 अप्रैल को गणगौर पूजन के रूप में इसकी समाप्ति हुई है।16 दिवस तक महिलाओं द्वारा गणगौर जेल,गणगौर के झाले,सहित विभिन्न धार्मिक आयोजन किये गए। गुरुवार को शहर सहित अंचल में सोलह श्रृंगार कर महिलाओं ने इसर गणगौर की विधि विधान से पूजा अर्चना की ओर अखंड सौभाग्य की कामना की।बतादे की भारतीय सनातन सभ्यता में अखण्ड सुहाग का प्रतीक गणगौर के पूजन और व्रत का अपना एक अलग ही स्थान है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह त्योहार स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य प्राप्ति का पर्व है। वास्तव में गणगौर पूजन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का दिन है।मां पार्वती ने भी अखण्ड सौभाग्य की कामना से कठोर तपस्या की थी और उसी तप के प्रताप से भगवान शिव को पाया। इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री जाति को सौभाग्य का वरदान दिया था।गणगौर पूजा सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैजो सामाजिक एकता, साझा, संवेदनशीलता और भाईचारे को बढ़ावा देती है। विवाह योग्य कन्याएं शिव जैसे भावी पति को पाने के लिए और सुहागिन महिलाएं सुख शांति समृद्धि और अखण्ड सौभाग्य की कामना को लेकर पूर्ण श्रद्धा भक्ति से यह पूजन करती हैं

 

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