नीमच। प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी रामनवमी के अवसर पर बुधवार को माहेश्वरी समाज के पुस्तक बाजार स्थित श्री राम मंदिर पर भगवान श्री राम का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया गया जिसमें प्रातः हवन अभिषेक दोपहर 12:00 बजे महा आरती एवं भजन कीर्तन वहीं देर शाम सुंदरकांड के पाठ मंदिर परिसर में आयोजित किए गए मंदिर के मुख्य पुजारी जीवन तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चैत्र मास के शुकल्पक्ष को रामनवमी का त्योहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है क्योंकि भगवन राम का जन्म चैत्र मास के शुक्लपक्ष के नवमी तिथि तथा पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म हुआ था.इसका प्रमाण कई वेद पुराण में भी वर्णित है. तुलसीदास ने भी रामायण के बालकाण्ड में पुरुषोत्तम राम के जन्म पर विशेष रूप से वर्णित किया है रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी लेकिन तीनो में से किसी का पुत्र नहीं नहीं था पुत्र को लेकर राजा दशरथ बहुत परेशान थे.पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने गुरु वशिष्ठ के आदेश अनुसार यज्ञ किया था.प्रसाद के रूप में खीर बनवाई थी. व खीर दशरथ की तीनो पत्नियों को कटोरी में भरकर उनके हाथ में दि और कुछ दिन बाद राजा दशरथ की तीनो पत्नियां गर्भवती हो गई और कौशल्या के गर्भ से भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास के शुक्लपक्ष के नवमी तिथि तथा पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म हुआ।तभी से राम नवमी मनाई जाती है। आज रामनवमी के अवसर पर माहेश्वरी समाज के श्री राम मंदिर पर प्रात हवन अभिषेक और दोपहर 12:00 बजे भगवान श्री राम की मां आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया और दिनभर भक्तों के लिए मंदिर के पाठ खुले रहे वहीं देर शाम सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी किया गया।