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-धर्मध्वजा के सहनशील समान भाव की तरह रहे तो दुःख भी सरलता से कट जाते हैं- साध्वी शुद्धि प्रसन्ना श्री जी महाराज साहब,

नीमच। जिस प्रकार मंदिर की ध्वजा सर्दी गर्मी बारिश में समान भाव से लहराती रहती है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य सुख व दुःख में भी समान विचार और पवित्र भाव रखें तो दुःख सरलता से कट जाते हैं। मनुष्य सुख में भी परमात्मा की भक्ति तपस्या करें तो दुःख उसके जीवन में आते ही नहीं है। मनुष्य सामाजिक प्राणी है वह सुख में भक्ति तपस्या करें तो दुःख दूर हो जाता है और सुख में परमात्मा को याद करे तो दुःख उसके जीवन में कभी आयेंगे ही नहीं। यह बात साध्वी शुद्धि प्रसन्ना श्री जी महाराज साहब ने कही ।वे महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर के तत्वाधान में महावीर जिनालय के घर- घर ध्वजा महोत्सव के पंचम दिवस  विकास नगर में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी।  उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थिति एवं दुःख की घड़ी में मनुष्य को अपना धैर्य और विवेक नहीं खोना चाहिए। साध्वी जिग्नेश रत्ना श्री जी महाराज साहब ने कहा कि कुंती के जीवन में जन्म से लेकर विवाह ,पांडवों को वनवास, महाभारत युद्ध आदि विभिन्न कठिन परिस्थितियों और दुःख आए तो कुंती सदैव समान भाव से परमात्मा के विचारों को याद करते हुए परमात्मा की भक्ति तपस्या में लीन रही तो उसने दु:खों को सरलता के साथ सहन कर लिया था।छोटे महाराज साहब ने कहा कि‌ प्रकार किस प्रकार तीरंदाज अर्जुन का लक्ष्य चिड़िया की आंख था उसी प्रकार  जीवन में तपस्या और भक्ति का लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए इसके बिना आत्मा का कल्याण नहीं हो सकता। कठिन और विषम परिस्थितियों में दुःख का सामना हंसकर करना चाहिए तो कठिन से कठिन परिस्थिति भी सरलता से दूर हो जाती है। विषम परिस्थिति आने पर क्रोध नहीं करना चाहिए उसका शांति के साथ मुकाबला करना चाहिए तो विषम स्थिति भी दूर हो जाती है।  मुक प्राणियों पर जीव दया का भाव रखना चाहिए। मुक प्राणियों पर जीव दया का भाव रखते हैं परमात्मा भी मुक प्राणियों के मित्र होते हैं। भावना रखने वालों पर परमात्मा भी जीव दया रखते हैं।इससे पूर्व  महावीर जिनालय पर प्रस्तावित धर्म ध्वजा को शिरोधार्य कर श्रद्धालु भक्तों द्वारा धर्म ध्वजा विकास नगर क्षेत्र के प्रमुख मार्गो से यात्रा निकाली गई। धर्म ध्वजा महोत्सव में धर्म लाभार्थी  राजमल छाजेड़ परिवार थे। धर्म सभा में  छाजेड़ परिवार की मातृ शक्ति इंदु छाजेड ने गुरुवर आज पधारे म्हारे अंगना केसी शुभ घड़ी आई देखो म्हारे अंगना ,बाजे बाजे रे शहनाई ढोलक म्हारे अंगना ध्वजा कैसी प्यारी लागे रे ... हमारी बगिया में छाई खुशियां है आप पधारे स्वागत है आपका....,गीत प्रस्तुत किया । अशोक कुमार माणक लाल डोसी परिवार द्वारा सभी समाज जनों से धर्म ध्वजा के धर्म सभा में परिवार सहित पधारने की विनती की। और आमंत्रण  दिया।  मंगलवार  सुबह 8 बजे  विकास नगर महावीर जिनालय से धर्म ध्वजा यात्रा नगर के प्रमुख मार्ग से निकल जवाहर  नगर स्थित राजमल  छाजेड़ के आवास पर पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। कार्यक्रम का संचालन राजमल छाजेड़ ने किया तथा आभार महावीर जिनालय विकास नगर ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश जैन आंचलिया ने व्यक्त किया।

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