नीमच। महावीर स्वामी ने जीव दया के लिए जियो और जीने दो का संदेश दिया।और संसार को जीव दया की अद्भुत प्रेरणा दी। उनके बताए उपदेशों पर चले तो हमारा जीवन सफल हो सकता है जीव दया बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है। यह बात अमित शिशु मसा की शिष्या साध्वी शुद्धि प्रसन्ना श्री जी मसा की शिष्या प्रवृद्धि श्री जी मसा ने कही ।वे महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर के तत्वाधान में महावीर जिनालय के घर- घर ध्वजा महोत्सव के सप्तम दिवस शिक्षक नगर कालोनी में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि प्रकृति में व्याप्त पेड़ पौधों के प्रति जीव दया करते हुए मैत्री भाव रखना चाहिए ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो सके और जीव दया का पालन भी हो सके। बच्चों को पर्यावरण के प्रति सजगता और पर्यावरण के दया भाव का संस्कार बचपन से सीखाना चाहिए। पेड़ पौधे बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हर प्रकार से सहयोगी बनते हैं।इससे पूर्व महावीर जिनालय पर प्रस्तावित धर्म ध्वजा को शिरोधार्य कर श्रद्धालु भक्तों द्वारा धर्म ध्वजा विकास नगर व शिक्षक नगर क्षेत्र के प्रमुख मार्गो से यात्रा निकाली गई। धर्म ध्वजा महोत्सव में धर्म लाभार्थी अजीत कुमार मनीष कुमार मारू परिवार थे।धर्म सभा में अजीत कुमार मनीष कुमार मारू परिवार की मातृ शक्ति द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। श्रीमती वंदना राकेश आंचलिया द्वारा सभी समाज जनों से धर्म ध्वजा के धर्म सभा में परिवार सहित पधारने की विनती की। और आमंत्रण दिया। शुक्रवार सुबह 8 बजे विकास नगर महावीर जिनालय से धर्म ध्वजा यात्रा विकास नगर शिक्षक कालोनी के प्रमुख मार्ग से निकल कर अजीत कुमार मनीष कुमार मारू के आवास पर पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती उषा सोनीने किया तथा आभार महावीर जिनालय विकास नगर ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश जैन आंचलिया ने व्यक्त किया।