सिंगोली(माधवीराजे)।महंगाई के इस जमाने में फिजूलखर्ची रोकने के लिए सामूहिक विवाह सम्मेलन होने बहुत जरूरी है ऐसे कार्यक्रमों से न केवल फिजूलखर्ची रुकती है बल्कि अमीर-गरीब का फर्क भी मिटता है।ऐसे कार्यक्रमों से समाज एक जाजम पर आता है तथा बेटियां बोझ नहीं लगती।समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम होते रहना बेहद जरूरी है ताकि समाज में एकजुटता बनी रहे।यह बात 05 मई रविवार को नजदीकी शिव धाम तिलस्वां महादेव में आयोजित सेन समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच राजकुमार सैन ने कही।वे तिलस्वां में समस्त सैन समाज तिलस्वां धर्मशाला कमेटी के तत्वाधान में आयोजित सैन समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन को बड़ी संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे अपने बेटे-बेटियों की शादी सामूहिक सम्मेलन में करने की प्रेरणा लें तथा अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें ताकि फिजूलखर्ची पर रोक लग सके। पूर्व सरपंच श्री सैन ने इस मौके पर समाज के नोनिहालों के उज्ज्वल भविष्य व समाज के उत्थान के लिये शिक्षा व सकारात्मक सोच पर जोर दिया। इस अवसर पर समाजसेवी व पूर्व सरपंच पीरूलाल सैन छोटी बिजौलियाँ ने बताया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित होने से समाज ने सिर्फ सिर्फ दहेज जैसी कुप्रथा पर सफलता पाई बल्कि सामाजिक आर्थिक भेद अमीरी-गरीबी को भी मिटाया है इतना ही नहीं समाज की शादी में होने वाले मितव्यय फिजूलखर्ची पर विराम लगाने का संदेश दे रहा है। पूर्व सरपंच श्री सैन ने बताया कि समाजजनों में सामूहिक विवाह सम्मेलन से दहेज प्रथा को समाप्त करने हेतु धीरे धीरे जागरूकता बढ़ रही है पहले समाज के लोगों को अपने बेटे बेटियों की शादी करने के लिये अपनी जमीन बेचनी पड़ती थी लेकिन सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित होने के बाद अब ऐसा नहीं है।दहेज लेनदेन पर रोक लगने से अब समाज के लोग खर्चीली शादी के बचे पैसों से बच्चों की पढ़ाई व्यापार और उन्नत खेती में खर्च कर रहे हैं। इस मौके पर कार्यवाहक देश पंचायत अध्यक्ष मोहनलाल सेन प्रतापपुरा ने बताया कि समाज के उत्थान के लिये हर व्यक्ति को सकारात्मक सोच के साथ आगे आना होगा।उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने कुरुतिया त्यागने, संगठित होने व समाज मे आपसी सदभाव की भावना बढ़ाने की बात कही।वयोवृद्ध कार्यवाहक देश पंचायत अध्यक्ष श्री सैन ने समाज के आराध्य देव संत शिरोमणि सेन जी महाराज की 724 वीं जयंती के पावन अवसर पर उनका गुणगान करते हुए बताया कि सैन जी महाराज ने प्रत्येक जीव में ईश्वर का दर्शन करने के साथ जीवन पर्यंत सत्य, अहिंसा,त्याग व प्रेम से रहने का संदेश दिया,उन्होंने समाजजनों को सेनजी महाराज के बताए मार्ग पर चलने का आव्हान किया।इस अवसर पर समाज के युवा कमलेशकुमार सैन आवल्हेड़ा ने बताया कि समाज में एक ऐसा कानून बने जो समाज के हर एक परिवार घर-घर में शिक्षा अनिवार्य रूप से लागू हो इंसान पढ़-लिखकर ही समाज में अपना स्थान बना सकता है।समाज मे यदि आपको तरक्की करनी है तो शिक्षा को हथियार बनाना होगा क्योंकि ज्ञान वही अच्छा है जो समाज के उत्थान के काम आए।सामूहिक विवाह सम्मेलन का शुभारंभ सर्वप्रथम समाज के आराध्य देव संत शिरोमणि सेनजी महाराज के चित्र पर दीप प्रज्वल्लित कर उनकी 724 वीं जयंती बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाते हुए सेनजी महाराज के पद चिन्हों पर चलने का समाजजनों ने संकल्प लिया इसके बाद एयर कंडीशन विशाल पंडाल में समाज के 11 वैवाहिक युवक युवतियों की शादी की रश्म शुरू हुई जिसमें बड़े-बुजर्ग,युवा व महिलाओं ने बढ़चढ़ कर डीजे व बेंडबाजों पर नृत्य कर विवाह समारोह की शान बढाई।विवाह आयोजन समिति द्वारा विद्वान पंडित द्वारा विधि-विधान व मंत्रोचार के साथ बड़ी धूमधाम के साथ दोपहर 12.15 बजे तोरण की रश्म, वरमाला के बाद पाणिग्रहण संस्कार किया गया वहीं अपरान्ह 3 बजे आशीर्वाद समारोह का आयोजन हुआ जिसमें वर वधुओं के माता-पिता व परिजन एवं तिलस्वां धर्मशाला कमेटी अध्यक्ष रमेशचन्द्र सैन तिलस्वां एवं उपरमाल सैन समाज अध्यक्ष राधेश्याम सैन छोटी बिजौलियाँ ने सुखद जीवन का आशीर्वाद देकर बालक-बालिकाओं को नवदांपत्य जीवन की शुभकामना दी।कार्यक्रम का सफल संचालन प्रहलाद धारीवाल कल्याणपुरा(बेगूँ) ने किया तो आभार सामूहिक विवाह सम्मेलन के अध्यक्ष नन्दलाल सैन (शादी) ने व्यक्त किया।