नीमच। युद्ध के मैदान में लक्ष्मण की विजय हुई रावण को बाण लगा तो अपनी अंतिम सांस गिन रहा था।तब राम ने लक्ष्मण को बताया और कहा जाओ रावण से राजनीति के गुर सिख कर आओ, लक्ष्मण भाई की आज्ञा में गया पर क्रोध में था तिरस्कार पूर्ण बोला है रावण, रावण ने आंख खोली और बंद कर दी राम ने समझाया ज्ञान लेना हो तो विनम्रता होना जरूरी है। लक्ष्मण पुनः जाते हैं चरणों के पास खड़े होकर नम्रता से कहते हैं ,हे दशानंद तब रावण ने कहा कहो सुमित्रा नंदन, लक्ष्मण ने कहा भाई ने मुझे आपसे राजनीति का ज्ञान सीखने भेजा है। रावण की आंखों में आंसू आ गए उन्होंने तीन बात सिखाई जो जीवन में उपयोगी सिद्ध होगी एक कभी भी कुछ गलत कार्य करना हो तो प्रज्ञा बुद्धिशाली पुरुष से राय लेना चाहिए। तुरंत आक्रोश नहीं करना चाहिए ।मन में कुछ अच्छा विचार आए तो शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।यह बात अमित शिशु मसा की शिष्या साध्वी शुद्धि प्रसन्ना श्री जी मसा की शिष्या प्रवृद्धि श्री जी मसा ने कही ।वे महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर के तत्वाधान में महावीर जिनालय के घर- घर ध्वजा महोत्सव के बारहवें दिवस स्कीम नंबर 34 में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि मृत्यु के समय यदि महान व्यक्ति ज्ञान का संस्कार प्रदान करता है तो वह ज्ञान जीवन के अनुभव का अमृत ज्ञान होता है। रामायण काल में युद्ध के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अपने भाई लक्ष्मण को रावण के पास जीवन के महत्वपूर्ण संस्कार के ज्ञान को सीखने के लिए भेजा था ।तब रावण ने उन्हें अपने जीवन का अनुभव बताते हुए संस्कार सिखाया और कहा कि जीवन में कभी भी क्रोध नहीं करना और छोटी से छोटी बात पर विनम्रता पूर्वक उत्तर देंगे तो हमारे जीवन में हर कठिन से कठिन कार्य भी सरलता से सफल हो जाएगा।इससे पूर्व महावीर जिनालय पर प्रस्तावित धर्म ध्वजा को शिरोधार्य कर श्रद्धालु भक्तों द्वारा धर्म ध्वजा विकास नगर व क्षेत्र के प्रमुख मार्गो से यात्रा निकाली गई। धर्म ध्वजा महोत्सव में धर्म लाभार्थी अनिल कुमार संजय कुमार बेगानी परिवार थे। धर्म सभा में अनिल कुमार संजय कुमार बेगानी परिवार की मातृ शक्ति द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। विमल गोपावत द्वारा सभी समाज जनों से धर्म ध्वजा के धर्म सभा में परिवार सहित पधारने की विनती की। बुधवार सुबह 8 बजे विकास नगर महावीर जिनालय से धर्म ध्वजा यात्रा नगर के प्रमुख मार्ग से निकल कर अनिल कुमार संजय कुमार बेगानी के आवास पर पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई।कार्यक्रम का संचालन राजमल छाजेड़ ने किया तथा आभार अनिल कुमार संजय कुमार बेगानी ने व्यक्त किया।