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संस्था कृति ने मनाई महाराणा प्रताप की जयंती

नीमच। महाराणा प्रताप ने भारतीय संस्‍कृति एवं गौरव की रक्षा की और इसके लिए उन्होंने राज महल छोड़कर वन में रहना स्वीकार किया। यह बात कृति अध्‍यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ ने कही। वे महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्‍था कृति ने 9 मई गुरूवार सुबह करीब 9.30 बजे प्रताप चौक, नीमच सिटी नीमच स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण कर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई। महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कृति अध्‍यक्ष गौड़ ने कहा कि महाराणा प्रताप सिंह सिसौदिया मेवाड़ राज्य के 13 वें शासक थे, उन्‍होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश की आन, बान और शान की रक्षा की। ऐसे वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप पर संपूर्ण भारत वर्ष को नाज है। इस दौरान कृति सचिव महेंद्र त्रिवेदी, किशोर जेवरिया, प्रकाश भट्ट, ओमप्रकाश चौधरी, श्‍याम थोरेचा, रघुनंदन पाराशर, भरत जाजू, डॉ राजेंद्र जायसवाल, नरेंद्र पोरवाल, शैलेंद्र पोरवाल, अंबिका प्रसाद जोशी, योगेश पाटीदार, आशा सांभर, सत्‍येंद्र सिंह राठौड़, डॉ जीवन कौशिक, प्रवीण शर्मा, कमलेश जायसवाल, गणेश खंडेलवाल, डॉ अक्षय राजपुरोहित, डॉ विनोद शर्मा, डॉ महिपाल सिंह चौहान, केशव सिंह चौहान, राजेंद्र गुप्‍ता, चतर सिंह गेहलोत, रमेश मोरे, रंजन स्वामी, राजेंद्र अग्रवाल सहित अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी, सदस्य एवं नीमच सिटी के रहवासी विशेष रूप से मौजूद रहे।

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