कुकड़ेश्वर -- पथ्वी पर जब बालक जन्म लेता तो वो रोते-रोते आता है जन्म के पश्चात परिवार वाले खुशियां मनाते बेटी हो या बेटा खुशियां मनाई जाती है।तो हमें भी जीवन में ऐसी करनी करना है कि हमारा जीवन हंसते हंसते निकल और वो कहावत सिद्ध हो हम हंसे जग रोए उक्त बात जैन धर्मशाला में तीन दिवसीय धार्मिक महोत्सव के दोरान प पू श्री मोक्ष ज्योति श्री जी मा, सा, ने स्मृति महोत्सव में धर्म सभा में आपने बताया कि मानव जीवन सुधारना है तो हमे ऐसी करनी करना कि हमारा जीवन सुधर जाए खुशबू ऐसी फैले की दूर-दूर तक जाए हमारी करनी ऐसी हो कि सब हमारे जाने के बाद याद करें तपस्या, सहन शीलता, सरलता के पुष्प लगाएं लोगों के सुख दुख में काम आए अच्छाई व बुराई सभी में होती । हमेंअवगुण छोड़कर गुण ग्रहण करना परमात्मा गुरु मां और मां सभी का हम पर परम उपकार होता है। इनका ऋण नहीं चुकाया जा सकता व्यक्ति तीन प्रकार के होते हैं उत्तम मध्यम जघन्य जीवन भर मां के साथ रहे वह उत्तम जब तक मां घर पर काम करें तब तक मां अच्छी लगे वह मध्यम शादी के बाद मां से अलग हो जाए वह जघन्य पुरुष कहलाता है। जिस मां ने हमको जन्म दिया 9 महीने तक गर्भ में हमारा वजन उठाया बच्चे के पेट में लात मारने पर उसने सहन किया खुद गिले में सोई हमें सूखे में सुलाया मेरा बेटा मेरा बेटा कहते हुए थकती नहीं मां माता-पिता का हम पर असीम उपकार है ।मां को बेटे से कोई उम्मीद नहीं होती मां बेटे का इंतजार उम्र भर करती है मां और पत्नी के इंतजार में अंतर होता है छोटी सी जिंदगी मिली है ।जीवन में सहन करने की आदत डालें शिकवा शिकायत से दूर रहे तो खुश रह पाएंगे और हमारा जीवन सुधर जायेगा।