(रथयात्रा के साथ दादा के जिनालय पर वार्षिक ध्वजा रोहण हुआ)
कुकडेश्वर--बड़ा ही सुंदर प्रसंग उपस्थित हुआ दादा की ध्वजा मंदिर प्रतिष्ठा की याद तरोताजा रखती हैं। और ध्वजा क्यो चढ़ाई जाती हैं मंदिर के शिखर पर ध्वजा लगाने से परमात्मा की शक्ति प्राप्त होती है ध्वजा के लहराने से हवा से ऊर्जा मिलती है ।उक्त बात 108 पार्श्वनाथ तीर्थ में से एक नगर के हृदय में विराजित श्री कुकडेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय पर वार्षिक ध्वजा की 14 वीं वर्षगांठ पर सकल जैन श्री संघ की उपस्थिति में भगवान जी की रथ यात्रा के नगर भ्रमण पश्चात जैन सराय में धर्म प्रभावना देते हुए परम पूज्य श्री मोक्षज्योति श्रीजी मा,सा, ने फरमाया कि हम सभी कहते हैं भगवान देव गुरु धर्म हमारा है लेकिन हम संसार के रिस्तों नातो को कहते हैं कि मेरा है इसी प्रकार अगर हम परमात्मा देव गुरु धर्म को भी मेरा कहकर मेरा मानोगे तो कल्याण होगा जो संसार असार हैं उसमें तो हम तो ममत्व भाव रखते हैं और जो हमें त्रिवेणी संगम देव गुरु धर्म मिला उससे हम ममत्व के भाव नहीं रखते आत्मा के कल्याण का मार्ग चाहते हो तो इसको मेरा अपना मानना पड़ेगा आपने फरमाए की कमल कीचड़ में रह कर भी अपना स्वभाव नहीं छोड़ता इसी प्रकार अगर हम मानव भी कमल की तरह इस संसार में रहकर मोह माया के इस कीचड़ में रहते हुए कमलव्रत रहेंगे तो कल्याण संभव है। महोत्सव के पश्चात परमात्मा के प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी पार्श्वनाथ जिनालय मूलनायक मंदिर की ध्वजा का लाभ लाभार्थी परिवार ने लेते हुए चढ़ाए इसी प्रकार आदिनाथ भगवान जिनालय पर ध्वजा का लाभ लाभार्थी परिवार ने लेते हुए ध्वजा चढ़ाई सिद्धचक्र मंदिर ध्वजा का लाभ लाभार्थी परिवार ने लेकर विधि कार संजय छाजेड़ द्वारा विधिवत पूजा अर्चना भक्ति के साथ मंदिर पर चढ़ाई गई उक्त अवसर पर मा,साहेब जी ने फरमाया कि हम मंदिर पर ध्वजा तो प्रतिवर्ष बदलते हैं लेकिन ध्वजा बदलने के साथ हम स्वभाव नहीं बदलते हैं जिस प्रकार हम सभी कार्य में आज मेंचिंग देख रहे हैं और मेंचिंग करते हैं लेकिन हम परिवार में रहकर मैचिंग नहीं कर पा रहे हैं आपने कहा जो हमारे पास है हम उससे संतुष्ट नहीं अगर हम संतुष्ट रहे तो कल्याण होगा क्योंकि जीवन में सबसे बड़ा धन संतुष्टि का है परमपिता परमात्मा की ध्वजा जिस प्रकार लहरातीं है उसी तरह नगर परिवार समाज और आप सभी का कल्याण होगा उक्त अवसर पर साध्वी वर्याओं जी ने शांति पाठ एवं मांगलिक फरमाए कार्यक्रम में मंदिर में प्रतिवर्ष वार्षिक पूजा की बोली का लाभ लाभार्थियों ने बढ़-चढ़कर बोली लगा कर लिया जिसमें नगर व बाहर के परिवारों ने लिया कुकड़ेश्वर में 3 दिन दिवसीय महोत्सव में श्री मोक्षज्योति श्री जी मा सा आदि ठाणा चार के सानिध्य में धर्म आराधना भक्ति संगीत पूजा आदि के साथ धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मंदिरों पर ध्वजा फहराई गई अंत में सकल जैन श्री संघ का स्वामी वात्सल्य का आयोजन लाभार्थी परिवार द्वारा रखा गया।