मोबाईल पर लगाए जा रहे हैं हार-जीत के दाँव
सिंगोली(माधवीराजे)।जिस तरह से इन दिनों ऑनलाइन गेम्स एक के बाद एक इंटरनेट पर आ रहे हैं इसकी लत के शिकार गाँवों और कस्बों के युवा हो रहे हैं।जिसे देखो वो मोबाईल पर ऑनलाइन गेम्स खेलता नजर आता है।इसमें बड़े बड़े दाँव लगाए जाते हैं।धीरे-धीरे इसकी लत नशे जैसी युवा वर्ग में पड़ने लगी है।उल्लेखनीय है कि इंटरनेट के प्लेटफार्म पर कई तरह के गेम्स मौजूद है,इनको डाउनलोड करके इसकी एक आईडी बनाई जाती है जो कि आपके ऑनलाइन बैंक खाते से लिंक की जाती है फिर ऑनलाइन ही पैसे ट्रांसफर करके इन गेम्स में हार-जीत के दाँव खेले जाते हैं।ये गेम्स ठीक उसी तरह के होते हैं जैसे ताश के पत्ते से खेले जाते है,जिस प्रकार से सट्टा खेला जाता है ठीक वैसे ही दाँव लगाए जाते हैं।आप जीत जाते हैं तो आपके खाते में पैसे आते हैं और हार गए तो आप से जो पैसे ऑनलाइन पहले ही डलवा लिए जाते है वे खत्म हो जाते हैं फिर पैसे डालो गेम्स शुरू हो जाता है।मिनिमम 1 हजार से शुरू होता है ये खेल जिसकी अधिकतम कोई सीमा नहीं होती है।कितने भी रूपये से ये गेम्स खेल सकते हैं।मात्र 10 से 15 मिनट में लाखों के दाँव लगा दिए जाते हैं।दरअसल ये गेम्स ऐसे साफ्टवेयर से तैयार किये जाते हैं कि खेलने वाला एक बार इसमें उलझा तो उलझता ही जाता है।पहले तो ये गेम्स खिलाडी को जीता देते हैं उसके बाद खिलाड़ी सिर्फ हारता ही है,बीच में एक बार,दो बार फिर से खिलाड़ी जीत जाता है फिर हारता रहता है।जब तक हारने वाले को समझ आता है तब तक बहुत देर हो जाती है और लाखों रूपये इस ऑनलाइन गेम्स की लत के भेंट चढ़ जाते हैं।गॉंव-गाँव और कस्बों में इस गेम्स की लत एक वायरस की तरह फैल रही है।लोग इस पर दाँव लगाकर अपना सब कुछ गंवा रहे हैं।खासतौर पर युवा वर्ग इसके दलदल में फँसता ही जा रहा है और यह लत एक दूसरे से सबको लग रही है मगर सरकार कुछ नहीं कर रही है।अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है वरना बहुत जल्दी वह समय आने वाला है जैसा लॉटरी के दौर में आया था।लॉटरी की लत से हजारों घर उस समय बर्बाद हुए थे,कई लोगों ने आत्महत्या करके अपनी जान गंवाई थी उसके बाद कोर्ट को लॉटरी बंद करने का आदेश जारी करना पड़ा था और लॉटरी पर प्रतिबंध लगा था ठीक उसी तरह से यह जहर फैल रहा है।अगर समय रहते इन जुआ सट्टे वाले ऑनलाइन गेम्स पर रोकथाम नहीं लगाई गई तो इसके बहुत भयानक परिणाम सामने आने लगेंगे।लोग बर्बादी के इस रास्ते पर चल रहें है,उनको पता नहीं कि इस लत से उनका परिवार बर्बाद हो जायेगा।प्रशासन को इन गेम्स को प्रतिबंधित कर देना चाहिए,न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी नहीं तो युवा पीढ़ी इस गर्त में जाने लगी है।जरा से पैसे के लालच में ये लोग ना जाने कहाँ-कहाँ से पैसा लाकर इन गेम्स में हार-जीत का दाँव लगा रहे हैं।इन गेम्स के नाम लूडो,एमबीएम,रमी,केसिनो, पोकर,तीन पत्ती,फ्लश हैं जिसमें ये ऑनलाइन गेम्स वाली ऐप किसी गेम्स ज्वाइन करने के लिए 61 रूपये फ्री बोनस,किसी में 99 रूपये,किसी में 500 रूपये तक के लुभावने ऑफर देकर लोगों को उलझा रहें है।एक बार इनकी लत लगी तो इंसान उसमे फंस जाता है और दाँव पर दाँव लगाकर अपना सब कुछ लुटा देता है।ग्रामीण क्षेत्रों में हर तीसरा व्यक्ति इन ऑनलाइन गेम्स की लत का शिकार हो गया है।जल्दी ही सरकार को इस तरह की ऐप और ऑनलाइन गेम्स पर अंकुश लगाना चाहिए वरना आने वाले समय में इसके परिणाम बहुत भयानक होने वाले हैं और आमजन के हित में सरकार को इस मामले में गंभीरता से जल्दी ही फैसला लेकर इस पर पूरी तरह अंकुश लगाना चाहिए नहीं तो युवा पीढ़ी किस गर्त में जा रही है इसका अंदाजा अभी लगाना मुश्किल है यह तो आने वाले समय में ही इसका पता चल सकेगा।