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आदिवासी विधवा महिलाओं की जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा

सिंगोली(माधवीराजे)।सरकारें और प्रशासनिक अधिकारी भले ही आदिवासियों के हित,न्याय व संरक्षण की लाख बातें करे लेकिन मैदानी हकीकत बिल्कुल इसके विपरीत प्रतीत हो रही है जिसकी झलक सिंगोली तहसील क्षेत्र में दिखाई दे रही है।कोज्या-अम्बा आदिवासी अंचल की निवासी दो आदिवासी समाज की गरीब विधवा महिलाओं की कृषि भूमि पर दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया है जिससे परेशान होकर महिलाओं ने 11 जून मंगलवार को तहसीलदार सिंगोली के समक्ष एक आवेदन पत्र सौंपकर उनकी जमीन वापस उन्हें दिलवाने की माँग की है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार को स्थानीय तहसील कार्यालय में उपस्थित होकर ग्राम अम्बा निवासी नानीबाई पिता पीथा और कस्तूरीबाई बेवा शम्भूलाल जाति भील द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन पत्र में बताया कि सिंगोली तहसील के पटवारी हल्का नम्बर 11 में स्थित खाते की कृषि भूमि सर्वे नम्बर 27/1/4 रकबा 1.354 हैक्टेयर भूमि लालाराम,नन्दूबाई,लालीबाई सभी नाबालिग होकर संरक्षक माता कस्तूरीबाई भील के नाम पर दर्ज है जिस पर पूर्व में पीथा द्वारा कृषि कार्य किया जाता था लेकिन पीथा की मृत्यु के बाद शंकरलाल उर्फ छीतर पिता पन्नालाल धाकड़ एवं पप्पूलाल पिता शंकरलाल उर्फ छीतर धाकड़ निवासी ग्राम परलाई ने उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके पत्थर की दीवार बना दी और इन दबंगों द्वारा ही कृषि कार्य किया जाकर फसल ली जा रही है तथा उन्हें जातिगत गालियां दी जा रही है।पीड़िताओं ने आवेदन पत्र में बताया कि दोनों विधवा महिलाएँ हैं और जाति से भील होकर अत्यंत गरीब हैं जो अपनी ही भूमि वापस लेने के लिए दावा लड़ने की स्थिति में नहीं है क्योंकि वे मजदूरी करके अपना व अपने नाबालिग बच्चों का भरण पोषण कर रही हैं जबकि दूसरी ओर विपक्षीगण धाकड़ समाज के व्यक्ति होकर सम्पन्न और प्रभावशाली व्यक्ति हैं जिनके खिलाफ कई बार शिकायत करने पर भी आज तक उन्हें अपनी खाता भूमि का कब्जा नहीं मिला है।गरीब आदिवासी विधवा महिलाओं ने तहसीलदार सिंगोली से निवेदन किया है कि उनके खाते की कृषि भूमि पर से दबंगों का अवैध कब्जा हटवाकर उन्हें उनकी खाते की कृषि भूमि का कब्जा पुनः दिलवाया जाए।

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