नीमच। समीप वर्ती ग्राम सरवानिया महाराज स्थित श्री खेड़ापति बालाजी मंदिर व आयोजन समिति के तत्वाधान में आयोजित 33 दिवसीय अग्नि तपस्या एव सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया।12 मई से श्री खेड़ापति बालाजी मंदिर पर आयोजित अनुष्ठान में महंत श्री श्री 108 गोवर्धन नाथ जी योगी द्वारा प्रतिदिन अग्नि कुंडों के बीच बैठकर कठिन अग्नि तपस्या की गई। जिसमें प्रतिदिन लोगों ने तपस्थली की परिक्रमा लगाकर रोग दोष से मुक्ति एवं जीवन मे खुशहाली की कामना की। इस अग्नि तपस्या का समापन शनिवार को एक घण्टे की अग्नि तपस्या के साथ हुआ।श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन -मंदसौर बरडिया खेड़ी से आए कथा वाचक पंडित श्वसानन्द जी महाराज ने भागवत कथा का श्रवण कराया। श्रीमद्भागवत कथा में विभिन्न धार्मिक प्रसंग सुनाए गए। साथ ही भजनों की प्रस्तुति से भक्तगण भाव विभोर होकर झूम उठे। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को समापन हुआ। भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार,कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के समापन दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसवध,शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायकों ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए मंत्र मुग्ध कर दिया। इस कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरुषों भक्तों ने सहभागिता निभाई।उन्होंने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा।जो कार्य प्रेम के माध्यम से संभव है,वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है,इतिहास साक्षी है। कथा के बाद आरती की गई व सभी भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।कार्यक्रम के अंतिम दिन शनिवार को सुबह हवन एवं पूर्णाहुति तथा भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे नगर सहित आस पास क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर भोजन प्रसादी ग्रहण की।वही अजमेर के महंत श्री श्री 108 गोवर्धन नाथ जी योगी का प्राकट्य दिवस होने के चलते उनका दीपक प्रज्वलित करते हुवे केक वितरण कर जन्म दिवस मनाया नगर की समस्त धर्म प्रेमी जनता, आयोजन समिति सहित कथा वाचक पूज्य गुरुदेव स्वासानंदजी महाराज ने जन्मदिन गोसेवा के रूप में मनाने के लिए प्रेरित किया। पंडित श्री गोवर्धन नाथ जी द्वारा की गई 33 दिवसीय घोर व कठिन अग्नी तपस्या का आयोजन नगर में पहली बार हुआ जिससे नगर व आसपास क्षेत्र की जनता ने काफी उत्साह व उमंग से दर्शन किए।श्री खेड़ापति बालाजी मंदिर परिसर पर आयोजित 33 दिवसीय घोर अग्नि तपस्या व सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन अवसर पर कथावाचक पंडित श्री श्वसानन्दजी महाराज, महंत श्री श्री 108 गोवेर्धन नाथ जी,आसन दरियानाथ महंत लाला नाथ जी योगी, सहित मध्यप्रदेश व आस पास राज्य से आए साधु संतों का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मान करते हुवे आशीर्वाद ग्रहण किया।