20 जुलाई को चातुर्मास कलश की स्थापना
सिंगोली(माधवीराजे)।नगर के पुण्य उदय से मेवाड़ प्रान्त की धार्मिक नगरी सिंगोली में चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री संयतसागर जी महाराज का 12 जुलाई शुक्रवार को प्रातःकाल सिंगोली नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ।मुनिश्री का जगह जगह प्राद प्रक्षालन व आरती समाजजनों द्वारा उतारी गई।प्रवेश के दौरान स्काउट बेंड,छोटे-छोटे बच्चे, बालिका मण्डल,महिला मण्डल मंगल कलश व हाथों मे जिन शासन का झण्डा लेकर चल रहे थे तो युवा वर्ग व पुरुष मुनिश्री के पीछे जयकारा लगाते हुए चल रहे थे।सभी समाजजन अपनी अपनी मण्डल की ड्रेस मे थे।मुनिश्री नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मन्दिर जी पहुंचे जहाँ मंगलाचरण श्रीमति नेहा बगडा ने किया व स्वागत गीत श्रीमती रतनबाला हरसोला ने प्रस्तुत किया।मुनिश्री का प्राद प्रक्षालन समाज के युवा वर्गों व बाहर से पधारे समाजजनों ने किया।शास्त्र दान महिला मण्डल व बाहर से पधारी महिलाओं ने भेट किया उसके बाद सभी समाजजनों ने मुलनायक श्री पार्श्वनाथ भगवान को अर्ध्य समर्पित कर व मुनिश्री को चातुर्मास हेतु श्रीफल अर्पित किया उसके बाद मुनिश्री ने धर्मसभा को संबोधित किया। समाज के पारस जैन ने बताया कि नगर के पुण्य उदय से गत वर्ष भी मुनिश्री सुप्रभसागर जी महाराज ससंघ का चातुर्मास मिला व इस वर्ष मुनिश्री संयतसागर जी महाराज का चातुर्मास मिल रहा है जिससे समाजजनों मे उत्साह का माहोल है।चातुर्मास की कलश स्थापना 20 जुलाई को होगी और इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित रहेंगे।