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कृति की काव्‍य गोष्‍ठी सम्पन्न, कवियों और साहित्‍यकारों ने बांधा समां

नीमच।अपने आंसुओं से कोई नहाये कब तक, तन्‍हाइयों में रात कोई बिताए कब तक.. जैसी दिल को छू लेने वाली काव्‍य रचना ने काव्‍य गोष्‍ठी में मौजूद हर व्‍यक्ति को काव्‍य एवं साहित्‍य में रमने पर मजबूर कर दिया। यह रचना कृति परिवार के वरिष्‍ठ सदस्‍य किशोर जेवरिया ने सुनाई।  अन्‍य कवियों ने भी एक से बढ़कर एक रचना का पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्‍ध कर दिया। मौका था शहर की साहित्यिक,सांस्‍कृतिक एवं सामाजिक संस्‍था कृति की काव्‍य गोष्‍ठी का।शहर के विकास नगर स्थित दुर्गा माता मंदिर (दुर्गा वाटिका) में रविवार को रात करीब 8 बजे कृति की काव्‍य गोष्‍ठी का आयोजन किया गया।काव्‍य गोष्‍ठी की शुरुआत मां सरस्‍वती के चित्र पर माल्‍यार्पण व दीप प्रज्‍जवलन के साथ हुई। कृति अध्‍यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ ने स्‍वागत भाषण देते हुए संस्‍था कृति के कार्यों पर विस्‍तार से प्रकाश डाला। इसके बाद कृति के वरिष्‍ठ सदस्‍य किशोर जेवरिया ने रचना अपने आंसुओं से कोई नहाये कब तक, तन्‍हाइयों में रात कोई बिताए कब तक, मुक्‍त न हुए तो बगावत पर उतर आएंगे, इन कैदियों को बंदी बनाएगा कब तक.. का पाठ किया और खबू दाद बटोरी। कृति की काव्‍य गोठी में रेणुका व्‍यास ने नौ रूपों में पांव पखारू.., रविशंकर वर्मा ने जीवन एक कला है.., प्रियंका कविश्‍वर ने वह सुलाती है.., मोहम्‍मद शाह अदीब ने बेटियां अगर पढ़ जाएं.., सलीम भाई ने सफीना टूट जाता है.., डॉ माधुरी चौरसिया ने कॉलोनी की कला.., सीपी उपाध्‍याय ने प्रार्थनाएं, पूजाएं, इबादतें बदल जाती है.., भेरूलाल सोनी ने वक्‍त की पाबंदी.., कैलाश सेन ने ना दो आवाज शहर के रेडियो से.. एवं कीर्ति कुमार चौधरी ने सांप सीढ़ी.. आदि काव्‍य व साहित्यिक रचनाएं सुनाई।इस दौरान प्रकाश भट्ट, रघुनंदन पाराशर, डॉ माधुरी चौरसिया,गणेश खंडेलवाल,ओमप्रकाश चौधरी,कैलाश बाहेती, डॉ पृथ्‍वी सिंह वर्मा,आशा सांभर, डॉ जीवन कौशिक, अनिल चौरसिया,भगत वर्मा, डॉ राकेश वर्मा, जितेंद्र सोनी, वीरेंद्र सोनी, राजमल व्‍यास, पुरुषोत्‍तम शर्मा सहित अन्‍य काव्‍य प्रेमी व विकास नगर वासी विशेष रूप से मौजूद रहे। काव्‍य गोष्‍ठी का संचालक कीर्ति कुमार चौधरी ने किया एवं अंत में आभार कृति के सचिव महेंद्र त्रिवेदी ने माना।

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