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मुस्लिम समाज ने अदा की मेहंदी की रस्म, बड़ी मंडी से उठा ताजियों का मुकाम, निकला जुलूस

नीमच। इस्लामिक नववर्ष यानी मोहर्रम के माह की शुरुआत के 10 दिनी शहादत को लेकर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके चलते शहर में समाजजनों द्वारा 5 तारीख शुक्रवार को झंडे-अलम छड़ी का जुलूस निकाला गया था। इसके बाद रविवार को मेहंदी का जुलूस देर शाम को अखाड़ों के साथ निकाला गया जो अपने मुकाम बड़ी मंडी से उठकर तिलक मार्ग, कमल चौक, नया बाजार, पटेल चाल, टैगोर मार्ग, फोर जीरो, पुस्तक बाजार, घंटाघर होते हुए पुनः बड़ी मंडी पर सामाप्त हुआ। समाज के इकबाल कुरैशी ने बताया कि मोहर्रम के चांद की 7 तारीख को पैगम्बर मोहम्मद सा. (स.) के नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में मेहंदी का जुलूस उत्साह के साथ शाम को निकाला गया। जहां जगह-जगह सबिलो में शर्बत पानी पिलाकर अखाड़ों के उस्तादों और खलीफाओं को साफा बांधकर दस्तार बंधी कर उनका स्वागत सत्कार किया गया।साथ ही शहादत की याद में रविवार को मेहंदी की रस्म के दौरान मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा अलग-अलग ताजियों पर पूरी अकीदत एवं मन्नत के साथ मेहंदी की रस्म पूरी की गई। मान्यता है कि जिस व्यक्ति द्वारा मन्नत की मेहंदी बोली जाती है वह नंगे पांव एक चौकी पर शुद्ध घी से दिये जलाकर तथा चौकी को अपने सिर पर रखकर ताजियों तक जाते हैं और शीश जुका कर अपनी अपनी मन्नत पूरी करते हैं।

 

 

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