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दिगंबर जैन मंदिर में सिद्ध चक्र का मंडल विधान पूजा अर्चना के साथ  प्रवाहित

नीमच।यदि हम किसी की भलाई नहीं कर सके तो कोई बात नहीं लेकिन किसी का बुरा नहीं करना चाहिए, 10 मिनट के पाप की सजा  20 साल मिलती है।इसलिए छोटे से छोटे पाप कर्म को करने से सदैव बचना चाहिए। जिन पाप कर्मों की निर्जरा नहीं होती है। पाप कर्म के फल से तो तीर्थंकर भी नहीं बच पाए थे।यह बात वैराग्यसागर जी महाराज साहब ने कही।वे  दिगंबर जैन समाज नीमच द्वारा दिगम्बर जैन मंदिर‌ में आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे ।उन्होंने कहा कि जो लोग संयम जीवन का पालन नहीं कर सकते हैं तो उन्हें पशु योनि और अंत में नर्क में जाना ही पड़ता है। इसलिए सदैव संयम जीवन का पालन करना चाहिए तभी जीवन में आत्मक कल्याण हो सकता है। निंदा का प्रायश्चित करना चाहिए नहीं तो भगवान के दर्शन के बाद भी मुक्ति नहीं मिलती है।इस अवसर पर सिद्धों की महान अर्चना सिद्ध चक्र का मंडल विधान मंत्र उच्चारण के साथ किया गया। पूजा के पाठ पर स्वर्ण कलश, खोपरा का चढ़ावा अर्पित किया ‌व दीप  प्रज्वलन  किया गया । ब्रह्मचारी पारस भैया के मार्गदर्शन में मंडल विधान की रचना की गई।भजन गायक कलाकार द्वारा पूजा के साथ प्यारो लागे जिनेश्वर प्यारो लागे ,रस बरसे आज मंदिर  में, भक्ति की है बात प्रभु जी आज थाने आनो है आदि भजनों पर समाज के श्रद्धालु भक्त जनों द्वारा भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया गया।मीडिया प्रभारी अमन विनायका ने बताया कि प्रतिदिन विभिन्न अष्टानिका महोत्सव में प्रतिदिन नये नये धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये जा रहे हैं।21 जुलाई को मंगल कलश की स्थापना का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

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