नीमच। आगामी 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी के शुभ पर्व को पर्यावरण हितेषी बनाने की दृष्टि एवं विद्यार्थियों में सृजनात्मक कला का विकसित करने के उद्देश्य से श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच में मिट्टी के गणेश की प्रतिमा निर्माण करने की कला सिखाने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 70 छात्राओं ने सहभागिता कर मिट्टी के गणेश बनाकर आगामी पर्व को प्रदूषण रहित बनाने का संकल्प भी लिया महाविद्यालय की पूर्व छात्रा कुमारी इशा सोनी ने सरल तरीके से मिट्टी के ढांचे को बहुत ही सुंदर गणेश प्रतिमा का आकार देने हेतु अद्भूत कला का प्रशिक्षण दिया। कॉलेज द्वारा छात्राओं को मिट्टी भी निःशुल्क उपलब्ध कराई गई कार्यशाला का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर एन.के.डबकरा ने सरस्वती पूजन के पश्चात छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गणेश चतुर्थी पर केमिकल रहित मिट्टी के गणेश ही स्थापित करने चाहिए क्योंकि प्रकृति प्रदत्त मिट्टी को ही पवित्र माना है तथा मिट्टी के गणेश जी की स्थापना कर हम पर्यावरण संरक्षण का पुण्य भी कमाते हैं। नदियों या तालाबों में इन मूर्तियों के विसर्जन से जल भी प्रदूषित नहीं होता तथा जलीय जीव जंतुओं को भी कोई हानि नहीं पहुंचती। स्वयं द्वारा मिट्टी के गणेश बनाकर पूजा करने से गणपति का आशीर्वाद भी शीघ्र फलदायक होता है।कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में सामाजिक चेतना एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के साथ-साथ सृजनात्मक कला का विकास भी करना है स्वामी विवेकानंद केरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत आयोजित इस कार्यशाला का संचालन डॉ. रश्मि हरित ने किया तथा कार्यशाला की सफलता में प्रो. हीरसिंह राजपूत, अतिथि विद्वान श्रीमती मीनू पटेल, श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव डाॅ राजेश डोडिया एवं सुश्री तन्वी सक्सेना का विशेष योगदान प्राप्त हुआ,इस दौरान डॉ.देवेश सागर, प्रो. सुनील कुमावत व डॉ. महेंद्र राव भी उपस्थित रहे। कार्यशाला की दर्शक दीर्गा में संपूर्ण महाविद्यालय परिवार सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी।