सिंगोली(माधवीराजे)।स्थानीय श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रीसंघ के श्रावक श्राविकाओं द्वारा दिनांक 1 सितंबर रविवार के दिन से पर्युषण महापर्व मनाए जा रहे है।शीतल स्वाध्यायी संघ के निर्देश पर पधारे वरिष्ठ स्वाध्यायी सुशील सुराणा एवं यश पगारिया के सानिध्य में स्थानीय श्रावक श्राविकाओं द्वारा प्रतिदिन धर्म अराधना की जा रही है जिसमें नवकार महामंत्र का अखंड जाप,प्रातःकाल प्रार्थना, प्रवचन,सायंकाल प्रतिक्रमण के साथ ही हर रोज अलग-अलग धार्मिक प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही है जिसमें श्रीसंघ के श्रावक श्राविकाओं के अलावा युवक युवतियाँ भी बढ़चढ़कर भाग ले रहे है।संघ द्वारा प्रतियोगिताओं मे प्रथम,द्वितीय व तृतीय आने वाले को पारितोषिक दिया जा रहा है।मंगलवार को पर्युषण का तीसरा दिवस सम्यक चरित्र दिवस के रूप में मनाया गया।मंगलवार के प्रवचन में स्वाध्यायी पगारिया ने कहा कि हमें अपनों की चिन्ता करने के बजाय अपने आत्मउद्धार की चिन्ता करना होगी तभी हमारा जीवन सफल होगा,हम सभी इस भौतिक चकाचौंध वाले संसार में पुरूषार्थ तो कर रहे है पर हमें यह ज्ञात नहीं कि ये पुरूषार्थ किसके लिए किया जा रहा है इसलिए हमें हमारे आत्मउद्धार के लिए पुरूषार्थ करने के लिए हमारे पुरूषार्थ की दिशा बदलनी होगी। हमें ये समझना होगा कि हम संसार में दुखी है या संसार से दुखी है।वरिष्ट स्वाध्यायी सुशील सुराणा ने कहा कि चरित्र को महामणी के साथ साथ पारस पत्थर बताया सुराणा ने सम्यक चरित्र दिवस की महिमा बताते हुए कहा कि जिसका चरित्र अच्छा और सच्चा है वो किसी राजा से कम नहीं।चरित्रवान आत्मा को देव भी सहयोग करते है।आपने बताया कि चरित्र पांच प्रकार के होते है।तलवार की कीमत उसकी म्यान से नहीं बल्कि उसकी धार से होती है ठीक उसी प्रकार इन्सान की कीमत उसके चरित्र से होती है। प्रवचन के दौरान अंतगढ सुत्र शास्त्र एवं कल्प सुत्र शास्त्र का वाचन भी किया जा रहा है।स्वाध्यायी भाईयों द्वारा शास्त्र के माध्यम से अनेक दृष्टांतो के साथ श्रावक श्राविकाओं को समझाते हुए अपनी अपनी आत्मा के उद्धार करने वाले मार्ग पर चलने के लिए कह रहे है।श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ द्वारा पर्युषण महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए जप तप सामायिक प्रतिक्रमण आदि धर्म आराधना निरन्तर जारी है।