कुकडे़श्वर --श्री सहस्त्र महादेव की पावन नगरी में परंपरागत रूप से सूर्यवंशी कुमरावत तंबोली समाज पान की खेती करता आ रहा है। पान की खेती नाजुक होकर बड़ी जोखिम भरी है तमोली समाज का पान कृषक अपनी जमा पूंजी पान की पनवारी तैयार करने में लगा देता है और अपनी आजिविका पान की खेती से करता है। कुकड़ेश्वर में पान की खेती करने वाले तमोली समाज के करीब 500 परिवार है जिनका मुख्य रोजी रोजगार पान की खेती है जिसमें बार-बार प्राकृतिक प्रकोप से नुकसान होता है और पान कृषक कर्ज में डूब जाता है। ऐसी ही आपदा विगत 2 माह से हो रही मौसम परिवर्तन व अत्यधिक ठंड शीतलहर व मावठे से पान की खेती में करीबन 80 से 90 परसेंट नुकसान होकर पान की पनवाड़ीया ठंड के कारण समूह जड़ से नष्ट हो गई। जिस पर तंबोली समाज के पान कृषकों का प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल से नीमच में मिला और उन्हें पान की खेती का मौका मुआयना कर मुआवजा देने की मांग की जिस पर तत्काल कलेक्टर ने निर्देश देकर कुकड़ेश्वर के पान की पहाड़ियों का मौका मुआयना करवाने के लिए टीम गठित करवाई टीम में कुकडेश्वर नायब तहसीलदार मुकेश निगम, गिरदावर दिनेश मेहता, कुकड़ेश्वर पटवारी रघुनंदन राजौरा, पटवारी रामदयाल शर्मा ,कैलाश यादव के साथ उद्यानिकी विभाग जिला नीमच से जितेन धाकड, क़ृषि विभाग से जेडीयू शेख के साथ ही राजस्व विभाग कृषि विभाग उद्यानिकी विभाग के कर्मचारियों के द्वारा कुकड़ेश्वर के पान का कषकों की पनवाड़ीयों मौका मुआयना कर मौके का पंचनामा बनाया ।उक्त अवसर पर तमोली समाज अध्यक्ष यशवंत धामनिया, देवकरण वश्नारिया,ओमप्रकाश भानपिया, विनोद मोदी, महेश टोडावाल, लोकेश मोदी, रामबाबू , गोपाल बुंदिवाल, मनोज धामनिया, काजु मोदी, राजू रोदवाल आदि पान कृषक साथ थे उक्त अवसर पर नायब तहसीलदार मुकेश निगम ने बताया कि हमने सभी पनवाड़ी देखी व मौका पंचनामा बनाया है पंचनामा श्रीमान कलेक्टर महोदय को भेजा जाएगा समाज अध्यक्ष यशवंत धामनिया ने बताया कि हम पान कृसक पान की खेती पर निर्भर हैं वर्तमान में ठंड और पाले से पान की खेती समूल नष्ट हो गई है ।शीघ्र ही हमें मुआवजा मिलना चाहिए व उक्त पान की खेती को प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से जोड़ा जाए तो हमें बार-बार शासन के आगे हाथ नहीं फैलाना पढ़े और मुआवजा नहीं मांगना पड़ेगा। समाज ने जनप्रतिनिधि व राजनेता से भी पहल करके कुकड़ेश्वर के पान किसानों की सुध ले कर आर्थिक सहायता के साथ पान की खेती को बीमा योजना से जुड़वाना चाहिए।