नीमच। नीमच में बुधवार 23 अप्रैल को दो महान संतों का महा मंगलिक प्रदाता आचार्य श्री नवरत्न सागर जी महाराज के शिष्य रत्न युवाचार्य श्री विश्वरत्न सागर जी महाराज आदित्यनाथ 6 एवं राष्ट्र संत व्याख्यान वाचस्पति महामहोपाध्याय श्री ललित प्रभ सागर जी महाराज आदि ठाणा 2 प्रवेश हजारों हजारों की संख्या में जैन समाज जनों की उपस्थिति में हुआ।राष्ट्र संत ललित प्रभ जी महाराज का आगामी चातुर्मास हैदराबाद है।दोनों ही संतों का नीमच की धन्य धरा पर मिलन होगा एवं जैन भवन से सामूहिक नगर प्रवेश हुआ जैन भवन पर पारसमल केसरीमल छाजेड़ परिवार की ओर से सुबह 7:30 से 8:30 बजे नवकारसी का आयोजन किया गया ।यहां से दोनों संतों का नगर प्रवेश हुआ जुलूस वीर पार्क रोड कमल चौक घंटाघर भीडभंजन जिनालय होते हुए 9:30 बजे टाउन हॉल सभागार पहुंचा। जहां सामूहिक प्रवचन हुए। जुलूस में सबसे आगे डीजे पर भगवान महावीर के जीवन चरित्र पर आधारित भजनों की स्वर लहरिया बिखर रही थी इसके साथ ही कुछ युवक लाल परिधानों में स्वर्ण छतरियां लिए चल रहे थे तो कुछ महिलाएं नवकार मंत्र का श्लोक के बैनर लिए चल रही थी और कुछ महिलाएं जिन शासन के चिन्ह स्वास्तिक कलश, आदि धार्मिक प्रतीक चिन्ह की तक्क्तियां हाथों में लिए चल रही थी तो कई महिलाओं ने कलश सिरोधार्य किया था तो कई महिलाएं हाथों में छतरियां लिए चल रही थी तो कई महिलाओं के हाथ में जिन शासन की ध्वजा लहरा रही थी मार्ग में स्थान स्थान पर समाज जनों द्वारा अक्षत से स्वास्तिक गहुली की आकृति चौकी पर बना कर महाराज श्री से आशीर्वाद ग्रहण किया गया। समाज जनों द्वारा मार्ग में स्थान -स्थान पर तोरण प्रवेश द्वार बनाकर साधु संतों की अगुवाई की गई।सकल जैन समाज एवं श्री जैन श्वेतांबर भीडभंजन पार्श्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल नागौरी मनीष कोठारी ने बताया कि यह नीमच का सौभाग्य है कि दो महान संतो के अलग-अलग आमनाओं के होते हुए भी एक ही स्थान पर सामूहिक सार्वजनिक प्रवचन हुए। आगामी 28 अप्रैल को महान संतों द्वारा वाहन मांगलिक श्रवण कराई जाएगी। सभी समाज जन समय पर पहुंचकर महामंगलिक आशीर्वाद का पुण्य लाभ ग्रहण करें।
टाउन हॉल में हुआ धर्म सभा का आयोजन
धर्म की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। यदि हम धर्म की रक्षा करते हैं तो धर्म हमारी रक्षा करता है। धर्म की रक्षा के लिए अनेक साधु संतों ने त्याग और बलिदान के माध्यम से समाज को आदर्श प्रेरणा का संदेश दिया है। मालवा अंचल में भी ऐसे अनेक संत हुए हैं जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए इतिहास बनाए हैं। जैन समाज के अनेक महान साधु संतों ने अहिंसा और जीव दया का संदेश घर-घर में पहुंचाया है और देश में शांति स्थापित करने मेंअपना अमूल्य अविस्मरणीय योगदान प्रदान किया है। यह बात आचार्य विश्वरत्न सागर जी महाराज ने कही।वे श्री जैन श्वेतांबर समाज भीडभंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में बुधवार सुबह 9:30 बजे टाउन हॉल अटल सभागार में आयोजित प्रवचन श्रृंखला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में जैन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है जहां अहिंसा की बात होती है जबकि वास्तव में पूरी दुनिया में हिंसा का वातावरण है ऐसे में गुरुदेव द्वारा अहिंसा का संदेश जन जन तक पहुंचाया जा रहा है।
धर्म सभा में उपस्थित राष्ट्र संत ललित प्रभ सागर जी महाराज ने कहा कि क्षमा मांगने वाला और क्षमा देने वाला दोनों ही महान होते हैं। क्षमा मांगने से दोनों ही पक्ष की आत्मा निर्मल हो जाती है और निर्मल आत्मा ही आत्म कल्याण का सशक्त माध्यम होती है। इसलिए जब कभी भी किसी भी प्रकार का विवाद हो तो दोनों को ही क्षमा मांगने की पहल करना चाहिए और विवाद को समाप्त कर शांति की स्थापना करना चाहिए शांत रहने वाले परिवार के सदस्य समाज और राष्ट्र के विकास का परिचायक होते है। क्षमा मांगना और क्षमा करना विनम्रता का प्रतीक है
-कीर्ति रत्न सागर जी महाराज ने कहा कि युवा वर्ग संसार को सेट करने में लगा रहता है लेकिन जिसने यदि देवगुरु धर्म को सेट कर लिया तो उसका जीवन अपने आप सेट हो जाता है। श्वेतांबर जैन भीडभंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल नागौरी ने आचार्य श्री विश्वरत्न सागर जी महाराज एवं ललित प्रभ सागर जी महाराज से चातुर्मास के लिए विनती करते हुए कहा कि श्री संघ साधु संतों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहता है। शुभारंभ में गुरु वंदना विजय छाजेड़ द्वारा करवाई गई। गुरुदेव द्वारा मंगलिक श्रवण करवा कर सभी को आशीर्वाद प्रदान किया गया।श्रीमती श्वेता छाजेड़ एवं सरोज चौधरी ने धार्मिक स्वागत गीत प्रस्तुत किए ।इस अवसर पर धर्म सभा में नगर पालिका अध्यक्ष स्वाती गौरव चोपड़ा, समाजसेवी श्रीमती रेणुका संतोष चोपड़ा, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल, जैन श्वेतांबर ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल नागौरी, सचिव मनीष कोठारी, पूर्व अध्यक्ष प्रेम प्रकाश जैन ,मनोहर सिंह लोढ़ा, वीरेंद्र लोढ़ा, महेंद्र चौधरी, उमराव सिंह गुर्जर , राजमल छाजेड़, राहुल जैन, महावीर जीनालय के अध्यक्ष राकेश जैन आंचलिया, सचिव राजेंद्र बंबोरिया,सहित बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित थे।धर्म सभा का संचालन ट्रस्ट सचिव मनीष कोठारी ने किया।